राज्य सरकार के निर्देशानुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पालनहार स्टेट फ्लैगशिप योजना पर फोकस किया गया। इसको लेकर प्रदेश में ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के लिए कार्य योजना बनाई गई। जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र के स्कूल जाने वाला ऐसा बच्चा जो राज्य सरकार के नियमानुसार पालनहार योजना में पात्रता रखता है उसे पालनहार योजना में जोड़ा जाना है।
इसके लिए संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर के निर्देशानुसार उपखण्ड प्रशासन ने ग्राम पंचायत स्तर पीईईओ कि अध्यक्षता में टीमें गठित की गई है। जिनसे 31 अगस्त तक सर्वे कर रिपोर्ट ली गई साथ ही गठित टीम से यह प्रमाण पत्र भी लिया गया कि अब ग्राम पंचायत क्षेत्र में योजना से वंचित कोई लाभार्थी नही छूटा है। देवली ब्लॉक में कुल 1062 ही पालनहार परिवार थे।
उनकी संख्या में 19 अक्टूबर तक 416 परिवार जुडऩे से कुल 1478 हो गई। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 294 ब्लॉक की 1 अगस्त से 15 अक्टूबर तक की स्टेट रैंकिंग जारी की है, जिसमें 412 पालनहार स्वीकृति पर देवली ब्लॉक को तीसरी रेंक मिली है, जो टोंक जिले में भी टॉप है। वहीं जिले के अन्य ब्लॉक में प्रदेश स्तर और मालपुरा को 8 वीं, टोंक को 12 वीं, उनियारा को 15 वीं तथा टोडारायसिंह को 32 वां स्थान मिला है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार 18 वर्ष तक के वंचित अनाथ, असहाय बच्चों के लिए अभियान चलाकर आवेदन लिए गए। देवली ब्लॉक को मिले 475 लक्ष्य के पर 428 आवेदन में से आज तक 416 ऑनलाइन स्वीकृति दे दी गई है।
स्टेट रैंकिंग में तीसरे एवं जिले में टॉप रहना सभी कार्मिकों के अच्छे प्रयास का नतीजा है। भारत भूषण गोयल, उपखण्ड अधिकारी, देवली सभी के सामूहिक प्रयास रंग लाए है। सभी अधिकारियों का यह प्रयास है कि कोई भी पात्र योजना में शामिल होने से वंचित नहीं रहे। गौरव अग्रवाल, जिला, कलक्टर, टोंक