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बजरी रोक के बावजूद शहर में बन गए कई कार्यालय भवन

locationटोंकPublished: Jan 20, 2019 02:34:02 pm

Submitted by:

MOHAN LAL KUMAWAT

रोक के बावजूद सरकारी सभी निर्माण कार्यचल रहे हैं। वर्तमान में जिलेभर में करीब 12 सौ सरकारी निर्माण कार्य चल रहे हैं।

Government all construction

टोंक के छावनी स्थित रोड से जयपुर की ओर जाने वाले मार्ग पर बनती सीसी सडक़।

टोंक. बजरी पर लगी भले ही रोक हैऔर अधिकारी बैठकों में इस पर रोक लगाने का दावा भी करते हैं, लेकिन सच्चाईये हैकि बजरी खनन व परिवहन धड़ल्ले से जारी है।

चौंकाने वाली बात ये हैकि रोक के बावजूद सरकारी सभी निर्माण कार्यचल रहे हैं। वर्तमान में जिलेभर में करीब 12 सौ सरकारी निर्माण कार्य चल रहे हैं।
जिला मुख्यालय पर तो कई कार्यालय भवन तथा इमारतें तक बन गई, लेकिन बजरी पर रोक अब तक नहीं लग पाई। जबकि ये रोक 16 नवम्बर 2017 से लगी हुई है। अधिकारी-कर्मचारियों की अनदेखी के चलते लगातार बजरी का खनन व परिवहन जारी है।

इसका उदाहरण हैकि जिले में बजरी से सम्बन्धित एक भी निर्माण कार्यअब तक नहीं रुका। ना ही किसी ठेकेदार ने अब तक सम्बन्धित विभाग में ये आपत्ति जताईकि बजरी बंद होने से निर्माण कार्यबाधित हो रहा है।

ये हो चुका राजस्व का नुकसान
बजरी खनन से राज्य सरकार को खनिज विभाग के जरिए हर महीने 450 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था। ये नवम्बर 2017 से जनवरी 2019 तक ये राजस्व 67 करोड़ 50 लाख रुपए का था। इसका सीधा-सीधा नुकसान राज्य सरकार को हो गया।

लक्ष्य भी बिना सोचे समझे दिए
दूसरी ओर मजेदार बात ये भी हैकि खनिज निदेशालय ने टोंक जिला खनिज विभाग को राजस्व का लक्ष्य चौंकाने वाला दिया है। जारी लीजों से राजस्व तो करीब 12 करोड़ रुपए मिल रहा है
, लेकिन निदेशालय ने 53 करोड़ का लक्ष्य दे दिया। जबकि ये सम्भव नहीं है। लगातार अवैध पर कार्रवाई करने के बाद भी ये लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता।


बन गए भवन व चारदीवारी
जिला मुख्यालय की बात करें तो शहर के मध्य घंटाघर के समीप निर्वाचन विभाग कार्यालय इस अवधि में ही पूरा हुआ है। नगर परिषद ने गांधी खेल मैदान की चारीदीवारी व नेहरू पार्कका जिर्णोद्धार करा दिया।
बस स्टैण्ड के परिसर में सुलभ शौचालय व अम्बेडकर भवन का निमार्ण अभी जारी है। बस स्टैण्ड परिसर की फर्श, सडक़ तथा दरवाजे भी बन चुके हैं। शहर की अधिकतर सडक़ें बन चुकी है। कई सडक़ों का काम आज भी जारी है।
हालांकि बजरी परिवहन करने वालों को पुलिस व प्रशासन की टीम लगातार पकड़ रही हैं
लेकिन उनकी ये टीम मुख्य सडक़ों पर ही तैनात है। प्रशासन को ये पता हैकि बजरी से भरे वाहन गुजर रहे हैं तो सम्भवतया ये भी जानकारी होगी कि बजरी खनन बनास नदी समेत अन्य इलाकों में कहां-कहां हो रहा है। इसके बावजूद प्रशासन व पुलिस टीम खनन पर अंकुश नहीं लगा पाई।

ये करना था, जो किया नहीं
पुलिस व प्रशासन को हाइवे समेत अन्य मुख्य मार्गों पर गश्त तथा जांच करने के स्थान पर बजरी खनन वाले स्थान चिह्नित करने चाहिए थे। साथ ही बजरी खनन में नदी के रास्तों को बंद कर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके चलते बनास नदी में रात के समय बजरी खनन होकर परिवहन किया जा रहा है।

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