प्रतियोगिता की शुरुआत बल के डीआईजी व मुख्य अतिथि सरोजकान्त मल्लिक ने की। प्रतिभागी टीमों ने मार्चपास्ट कर मुख्य अतिथि को सलामी दी। डीआईजी ने खिलाडिय़ों को खेल भावना का सम्मान करने की शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा कि खेलों का हमारे जीवन में काफी महत्व है। इससे व्यक्ति तनावमुक्त होकर स्वस्थ बनता है। विशेषकर किसी भी बल के जवान व विद्यार्थियों के लिए खेलों का काफी महत्व है। पहला मैच सीआईएसएफ आरटीसी व आरक्षित छठीं बटालियन के बीच हुआ।
इसमें आरटीसी की टीम 2-0 से विजेता रही। फाइनल मैच आरटीसी व आरक्षित नवीं बटालियन के बीच हुआ। इसमें भी आरटीसी की टीम 3-0 से विजेता घोषित हुई। मैच के बीच जवानों ने जमकर हूटिंग की तथा खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ाया। मैच रैफरी ने निष्पक्ष मैच कराया।
विजेता टीम के खिलाडिय़ों को डीआईजी मल्लिक व कमाण्डेंट मनमोहन कुमार ने पारितोषिक दिया। वहीं उपविजेता टीम को ओर अधिक मेहनत करने की बात कही। इस दौरान कमाण्डेंट डॉ. भूपेन्द्र सिंह, उपकमाण्डेंट नवीन कुमार, सहायक कमाण्डेंट ए. एस. सरन, अनिल कुमार सिंह, हनुमान सिंह, पी. के शर्मा उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में भी आरटीसी देवली की टीम चंडीगढ़ टीम को हराकर विजेता बनी। निशक्तजनों को सौंपी मोटरराईज्ड ट्राई साइकिलें
टोंक. जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी ने विशेष योग्यजनों को नि:शुल्क मोटरराईज्ड ट्राइसाइकिलें वितरित की। सहायक निदेशक समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग धर्मराज प्रतिहार ने बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर में मुख्य अतिथि जिला प्रमुख रहे।
टोंक. जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी ने विशेष योग्यजनों को नि:शुल्क मोटरराईज्ड ट्राइसाइकिलें वितरित की। सहायक निदेशक समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग धर्मराज प्रतिहार ने बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर में मुख्य अतिथि जिला प्रमुख रहे।
उन्होंने योजना के तहत विशेष पात्रों को मोटराइज्ड साइकिलें सौंपी। इस मौके पर विधायक हीरालाल रैगर, जिला कलक्टर आर. सी.ढेनवाल, पुलिस अधीक्षक योगेश दाधीच समेत जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
इससे पहले मुख्य अतिथि जिला प्रमुख चौधरी ने कहा कि इससे निशक्तजनों की आवाजाही सुलभ होगी। इधर, राष्ट्रीय विकलांग मंच शाखा राजस्थान विकलांग मंच इकाई की ओर से मुख्यमंत्री के नाम 21 सूत्रीय मांगों के निराकरण की मांग को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष गोरधन जाट, राजेश दाधीच, हरिनारायण गुर्जर, दामोदर जाट आदि मौजूद थे।