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जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने खींचा भगवान का रथ

locationटोंकPublished: Jun 24, 2020 12:08:58 pm

Submitted by:

MOHAN LAL KUMAWAT

उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित नया मंदिर परिसर में मंगलवार सुबह 7 बजे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। भगवान कृष्ण का पंचगव्य व पंचामृत से मंंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक किया। तत्पश्चात भगवान को शृंगारित कर मंदिर के गर्भगृह से निकाल कर विशेष रथ में विराजित किया गया।

Lord Jagannath

निवाई मंगलवार की सुबह भगवान के रथ को खींचते श्रद्धालु।

निवाई. उपखण्ड मुख्यालय पर स्थित नया मंदिर परिसर में मंगलवार सुबह 7 बजे भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। भगवान कृष्ण का पंचगव्य व पंचामृत से मंंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक किया। तत्पश्चात भगवान को शृंगारित कर मंदिर के गर्भगृह से निकाल कर विशेष रथ में विराजित किया गया।
तथा भगवान की पांच बार थोड़ी-थोड़ी देर में रथ में ही आरती उतारी गई। मंदिर के महंत विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि यह परम्परा प्राचीनकाल से चली आ रही है। आज के दिन का महत्व है कि भगवान जगन्नाथ रथ में बैठकर खेतों में हल चलाने जाते हैं और कृषि भूमि में मोती की फ सल की बुवाई करते है।
इस मान्यता से श्रेष्ठ सवंत होने के साथ-साथ कृषकों को अपनी फ सल का पूरा लाभ मिलता है। भगवान की आरती में दर्शनों के लिए उमड़े श्रद्घालुओं को मूंग, मोठ व भीगे हुए चनों का प्रसाद वितरण किया गया। भगवान के रथ को खींचकर श्रद्घालुओं धर्मलाभ कमाया।

पीपलू (रा.क.). कस्बे के श्रीचारभुजानाथ एवं श्रीसीताराम मंदिर में जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव उपलक्ष्य में विशेष पूजा-अर्चना के कार्यक्रम हुए। इस उपलक्ष्य में मंदिरों में ठाकुरजी के विग्रह की झांकी सजाने सहित दोपहर 12 बजे विभिन्न व्यंजनों का भोग लगाकर आरती की गई। हालांकि कोरोना के चलते धार्मिक स्थलों को फिलहाल श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोलने पर आरती में केवल पांच श्रद्धालु ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उपस्थित रहे। उल्लेखनीय हैं कि जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव के उपलक्ष्य में आमतौर विशेष धार्मिक संकीर्तन, पूजा-पाठ, महाआरती के आयोजन होते हैं।
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