टोंक

खनन का खेल: रेंजर, वनपाल के मोबाइल ऑफिस में रखवा डीएफओ पहुंचे खनन क्षेत्र, बजरी व पत्थरों से भरे चार ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़े

Illegal mining: वन क्षेत्र में अवैध खनन लगातार जारी है। इसके बावजूद टोंक में लगे वन विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों ने कभी कार्रवाई नहीं की।

टोंकSep 29, 2019 / 03:12 pm

pawan sharma

खनन का खेल: रेंजर, वनपाल के मोबाइल ऑफिस में रखवा डीएफओ पहुंचे खनन क्षेत्र, बजरी व पत्थरों से भरे चार ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़े

टोंक. अवैध खनन पर गहरी नींद में सोया वन विभाग आखिरकार शनिवार सुबह जागा और ताबड़-तोड़ कार्रवाई की तो खननकर्ताओं में हडक़म्प मच गया। ये कार्रवाई राजस्थान पत्रिका में शृंखला बद्ध प्रकाशित समाचारों के बाद हुई। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में गत 23 सितम्बर से अवैध खनन के खिलाफ लगातार समाचार प्रकाशित किया जा रहा है। इस पर कार्रवाई के लिए उप वन संरक्षक वी. चेतन कुमार स्वयं ही निकल पड़े।
पहले तो उन्होंने विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को सुबह ही कार्यालय बुला लिया। सभी के मोबाइल फोन अपने पास रख लिए और दो कारों में कार्रवाई के लिए निकल गए। इस पर कर्मचारी समझ नहीं पाए। बाद में जब उप वन संरक्षक के इशारों पर चालक ने कारों को सुबह 8 बजे अंधेरिया बाग वन क्षेत्र में रोका तो उन्हें एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में चालक व कुछ लोग चेजा पत्थर भरते मिले।
टीम को यूं अचानक आते देख खननकर्ताओं के होश उड़ गए। उप वन संरक्षक ने तुरंत कर्मचारियों को ट्रैक्टर-ट्रॉली को जब्त करने के निर्देश दिए। इस पर पत्थरों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को जब्त कर लिया गया। ये ट्रैक्टर-ट्रॉली बालू माली की है। वहीं इस क्षेत्र का जिम्मेदार वनपाल वीर सिंह भी बाइक से मौके पर पहुंच गया।
इसके बाद उनकी टीम हाइवे की ओर पहुंची तो उन्हें छावनी बायपास पर बमोर रोड की ओर पत्थरों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली जाते दिखी। उसे रोकने का प्रयास किया तो चालक ट्रैक्टर-ट्रॉली को बैरवा समाज के श्मशान मार्ग की ओर भगा ले गया। इस पर नाराज उप वन संरक्षक ने पुलिस अधीक्षक को मोबाइल फोन पर पुलिस जाप्ता मंगवाया।
वन विभाग की टीम के साथ पुलिस के सहयोग से उन्होंने इस ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी जब्त किया और दोनों को जखीरा नर्सरी में खड़ा करा दिया। ये ट्रैक्टर-ट्रॉली शाहिद की है। इसके बाद उप वन संरक्षक टीम के साथ बनास पुल की ओर रवाना हो गए। जहां उन्हें सोहेला वन नाका क्षेत्र के चिरोंज मोड़ पर वैष्णो देवी मंदिर के सामने बजरी से भरे दो ट्रैक्टर-ट्रॉली मिले। उन्होंने दोनों ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी जब्त कर लिया।
उनकी टीम में रेंजर हरिसिंह हाड़ा, वन पाल रघुवीरसिंह, वीर सिंह, सहायक वनपाल हेमराज जाट, वन रक्षक, हरेन्द्र, कमलेश, मोहम्मद यूसुफ, शिवलहरी, केटलगार्ड सीताराम थे। गौरतलब है कि टोंक वन क्षेत्र में अवैध खनन लगातार जारी है। इसके बावजूद टोंक में लगे वन विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों ने कभी कार्रवाई नहीं की।
इससे नाराज उप वन संरक्षक वी. चेतनकुमार स्वयं ही दो कारों में कर्मचारियों को लेकर कार्रवाई के लिए निकल पड़े। इससे पहले उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों के मोबाइल फोन अपने पास रख लिए। ताकि अधिकारी-कर्मचारी कार्रवाई की खबर किसी को ना दे सके।

उन्हें दिखे नहीं, डीएफओ ने पकड़ा
उप वन संरक्षक ने अधिकारी-कर्मचारियों को अवैध खनन पर कार्रवाई के लिए कहा, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी अब तक अवैध खनन नहीं होने की ही रिपोर्ट देते रहे, लेकिन जब स्वयं उप वन संरक्षक निरीक्षण करने निकले तो उन्हें पत्थर ही नहीं अवैध बजरी से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली भी मिल गए। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि टोंक में लगे वन पाल व वन रक्षकों को अवैध खनन नजर नहीं आ रहा था। वहीं खनन व परिवहन पर वे आंखें मूंदे हुए थे।
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