इस दौरान सर्वे टीमों के प्रभारियों को निर्देशित किया कि वह आईएलआई (खांसी, जुकाम, बुखार) के मरीजों को डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान गहनता से पूछताछ कर चिह्नित करने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण, वास्तविक एवं डाटाबेस सर्वे को फॉलो कर सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को गम्भीर अवस्था में पहुंचने से रोका जा सकता है।
सर्वे टीमें आईएलआई के मरीज को मौके पर ही मेडिकल किट भी प्रदान करें तथा उसकी डोज को लेने की भी जानकारी प्रदान करें। इस दौरान एमपीडब्ल्यू भगवान सहाय मीणा ने कहा कि सर्वे के दौरान लोगों व्यक्तिगत स्वच्छता, भोजन से पहले एवं शौचालय उपयोग के बाद साबुन से हाथ धोने की सही विधि का इस्तेमाल करने के तरीकों की जानकारी दी। इस मौके एएनएम पुष्पलता सैनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष, तारामणि जैन आदि मौजूद रहे।
सुविधा और संसाधन के साथ स्टॉफ की दरकार देवली. कोरोना संक्रमण के बाद चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुलने लगी तो भामाशाहों का सहयोग मिला, लेकिन राजकीय चिकित्सालय में कोविड सेंटर शुरू होने के बाद भी मरीजों को प्रशासन के दावे के अनुरूप चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल रही है। ऐसे हालात में मरीजों को रैफर करने से मौतें तक हो रही है। प्रशासन के दावे अनुसार शहर में कोविड -19 संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 29 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है, जिनमे से 9 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भामाशाह द्वारा दिए गए है।
इसके साथ ही सीएचसी में वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर एवं दवाइयां उपलब्ध है। सीएचसी में विगत दिनों 30 बेड का कोविड वार्ड शुरू हो चुका है, जिसमें 24 घण्टे डाक्टर एवं नर्सिग स्टॉफ उपलब्ध है,लेकिन उपचार के लिए आ रहे मरीज को सुविधाओं की कमी के चलते रैफर भी किए जा रहे है। इस बीच गंभीर मरीज दूसरी जगह पहुंचते हुए जान तक गंवा रहे है। प्रशासन ने वर्तमान व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया तो मरीजों पर बीमारियां भारी पड़ती जाएगी।
देवली. कोरोना संक्रमण के बाद चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुलने लगी तो भामाशाहों का सहयोग मिला, लेकिन राजकीय चिकित्सालय में कोविड सेंटर शुरू होने के बाद भी मरीजों को प्रशासन के दावे के अनुरूप चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल रही है। ऐसे हालात में मरीजों को रैफर करने से मौतें तक हो रही है। प्रशासन के दावे अनुसार शहर में कोविड -19 संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 29 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है, जिनमे से 9 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भामाशाह द्वारा दिए गए है।
इसके साथ ही सीएचसी में वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर एवं दवाइयां उपलब्ध है। सीएचसी में विगत दिनों 30 बेड का कोविड वार्ड शुरू हो चुका है, जिसमें 24 घण्टे डाक्टर एवं नर्सिग स्टॉफ उपलब्ध है,लेकिन उपचार के लिए आ रहे मरीज को सुविधाओं की कमी के चलते रैफर भी किए जा रहे है। इस बीच गंभीर मरीज दूसरी जगह पहुंचते हुए जान तक गंवा रहे है। प्रशासन ने वर्तमान व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया तो मरीजों पर बीमारियां भारी पड़ती जाएगी।