उन्होंने कहा कि इसके तहत यहां कार्यालय में भी उपकरण लगाए जा चुके हैं। अब केवल इंटरनेट से कनेक्टिविटी शुरू होने के बाद कार्यालय ऑनलाइन सेवा से जुड़ जाएगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति कम्प्यूटर के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन फिटनेस के लिए आवेदन कर सकेगा।
वहीं आवेदक को उसकी ओर से दिए गए मोबाइल नम्बर पर विभिन्न प्रगति की भी मैसेज जरिए जानकारी मिलेगी। इससे विभाग के कामकाज में पारदर्शिता होगी। वहीं आवेदक को कार्यालय के चक्कर काटने से निजात मिलेगी। इससे पहले उन्होंने कार्यालय का निरीक्षण किया।
लाइसेंस निर्माण प्रक्रिया व फिटनेस प्रमाण पत्र के लम्बित प्रकरणों की परिवहन निरीक्षक गंगराम रैगर से जानकारी ली तथा आवश्यक निर्देश दिए। वहीं उन्होंने क्षेत्र के टै्रक्टरों के पंजीयन करने को कहा। इस दौरान परिवहन निरीक्षक गंगाराम रैगर, लिपिक राजेश बारेठ, योगेश श्रीमाल उपस्थित थे।
अन्य प्रदेश के वाहनों का जमा होगा टैक्स
जिला परिवहन अधिकारी ने निरीक्षक गंगराम को अन्य प्रदेश से क्रय किए गए निजी वाहनों को चिह्नित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के अलावा किसी भी प्रदेश से खरीदी गई नई व पुरानी कारों का वाहन मालिकों को जिला परिवहन कार्यालय में टैक्स जमा कराना होगा।
ऐसा नहीं करने पर वाहन चालकों पर कार्रवाई होगी। पुराने वाहनों पर प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत की छूट रहेगी, जो अधिकतम 50 प्रतिशत होगी। उन्होंने बताया कि अन्य प्रदेशों से खरीदी गई कारें, जिनका पूर्व में खरीदे गए प्रदेश में टैक्स जमा हुआ है। ऐसे मामलों में के्रता उस प्रदेश के विभाग से रिफण्ड राशि प्राप्त कर सकता है।