प्रतिदिन कई सक्षम माताएं पन्नाधाय बनकर दूध से वंचित जरूरतमंद शिशुओं को नवजीवन दे रही है। बैंक के शुरू होने से अब तक 3721 माताओं ने 7072 बार सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र (सीएलएमसी) में आकर 667 लीटर दूध दान किया है।
11203 माताओं को स्तनपान के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देकर कांउसलिंग की गई है। मदर मिल्क प्रभारी डॉ. राजीव गुर्जर ने बताया कि जागरूक महिलाओं ने कोरोना महामारी में भी दुग्धदान कर पुण्य का कार्य किया है। गुर्जर ने अस्पताल में भर्ती जरूरतमंद बीमार बच्चों के लिए दूध की आपूर्ति बनाएं रखने के लिए अधिकाधिक सक्षम माताओं को आगे आकर मदर मिल्क बैंक में दूध दान करने को कहा है जिससे भर्ती बच्चों के लिए दूध की आवश्यकता पूरी होती रहे।
गत वर्ष अप्रेल से शुरू हुए कोरोना की प्रथम व इस वर्ष की दूसरी लहर में भी दूधदान के लिए माताओं का जज्बा कम नहीं हुआ। कोरोना के इन 15 माह में अप्रेल 2020 से जून 2021 तक 324 माताओं ने 638 बार केन्द्र में आकर 67 लीटर (67 हजार 60 मीलीलीटर) दुग्ध दान किया है। इसमें 538 जरूरतमंद बच्चों को 2086 यूनिट दूध देकर लाभान्वित किया है। इसी तरह 1602 माताओं को 7747 बार सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र में सेवाएं देकर स्तनपान कराने में सक्षम बनाया।
मिल रहा है मां का आंचल प्रतिदिन कई माताएं मदर मिल्क बैंक पहुंचकर दूधदान करने में रुचि दिखा रही है। चिकित्सकोंं के मुताबिक ऐसे शिशु जो स्तनपान नहीं कर पाते, जिनके होठ कटे-फटे हो। इसके साथ ही जन्म के साथ माता का निधन होने, कम अवधि में जन्मे शिशु को मदर मिल्क बैंक दूध उपलब्ध करा रहा है। इससे बच्चें को मां का आंचल तो मिला ही है, साथ ही मां भी सुकून महसूस कर रही है।