ऐसे में ये नाले बदबू मारकर क्षेत्र के माहौल को गंदा कर रहे है। लोगों ने बताया कि शहर में सब्जी मण्डी वाला नाला सर्वाधिक कचरे से ठसाठस है। उक्त नाला करीब पांच फीट चौड़ा है, जिसमें पॉलीथिन, डिस्पोजल कप, ग्लास, सड़ी-गली सब्जियां सहित कचरा भरा हुआ है। ऐसे में नाले में आने वाले गंदे पानी का बहाव थम गया। इसी प्रकार ने कचाल रोड से गुजर रहा नाला भी तिराहे पर कीचड़ से अटा पड़ा है। ऐसे में कई बार पानी अधिक आने पर सडक़ पर फैल जाता है।
इधर, जगदीश धाम रोड, जहाजपुर रोड, गुरुद्वारा रोड, विवेकानंद कॉलोनी स्थित नाले में कीचड़ से बंद पड़े है, जिनकी सफाई बेहद जरुरी है। गौरतलब है कि पूर्व में भी कई बार नाले अवरुद्ध होने से पानी का भराव हुआ था तथा आमजन को परेशानी हुई। पालिका एसआई जयकिशन का कहना है कि नालियों की सफाई का कार्य चल रहा है। नालों की भी शीघ्र ही सफाई शुरू करा दी जाएगी।
खबर के बाद नालों की सफाई का कार्य शुरू राजमहल. नालियों की सफाई के अभाव में मुख्य बाजार में एकत्र होते गंदले पानी से निजात दिलाने के लिए आखिर ग्राम पंचायत प्रशासन ने मुख्य बाजार के नालों की सफाई का कार्य करवाना शुरू कर दिया है।
पिछले कई दिनों से मुख्य बाजार में बने नालों की सफाई नहीं होने के कारण नाले कीचड़ से अटे पड़े थे, जिससे पानी ओवरफ्लों होकर गंदला पानी तलाई के रूप में सडक़ों पर एकत्र होने लगा था।
राहगिरों सहित पैदल गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जिसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने गत 6 मई के अंक में नालियों में भरा कचरा , सडक़ पर बह रहा गंदला पानी शीर्षक से समाचार प्रकाशित करने के बाद हरकत में आए पंचायत प्रशासन ने गांव के छत्तरी चौराहे, संथली सडक़ मार्ग, मुख्य बाजार आदि जगहों पर नालों की सफाई का कार्य शुरू करवा दिया है जो इन दिनों प्रगति पर है।
लोकपाल ने की मशीन से खुदाई मामले की जांच
टोंक. ग्राम पंचायत ख्वासपुरा के ढीकला गांव में मनरेगा के तहत हुए कार्य में श्रमिकों के स्थान पर जेसीबी से की गईखुदाईके मामले की जांच शुक्रवार को लोकपाल अब्दुल जब्बार ने की।
लोकपाल ने सरपंच रसाल देवी, सचिव मोहनलाल, कनिष्ठ अभियंता के. पी. सिंह समेत ग्रामीणों तथा श्रमिकों से मामले की पूछताछ की। उन्होंने बताया कि राजस्थान सम्पर्कपोर्टल पर शिकायत दर्जकराईगईथी कि ख्वासपुरा के ढीकला गांव में मनरेगा के तहत तलाईका कार्यहुआ था।
इसमें श्रमिकों से कार्यनहीं कराकर जेसीबी से खुदाईकराईगई। इसमें श्रमिकों से रिश्वत लेकर जेसीबी से खुदाईकर फर्जीहाजिर से भुगतान किया। तलाईनिर्माण कार्य 14 लाख रुपए का है। जिला परिषद में मनरेगा कार्यक्रम समन्वयक छगनलाल सैनी ने बताया कि लोकपाल ने मामले से सम्बन्धित पत्रावली, भुगतान, निर्माण सम्बन्धित दस्तावेज का अवलोकन किया है।