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बजरी के अवैध खनन पर लगाम के लिए बनास में खुदवाई खाईयां, बनास नदी के बजरी रास्तों को किया बंद

locationटोंकPublished: Feb 21, 2020 03:38:04 pm

Submitted by:

pawan sharma

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद आखिरकार बजरी खनन पर लगाम कसने के लिए पुलिस व एसआईटी की टीम धीरे-धीरे हरकत में आनी शुरू हो गई है।

बजरी के अवैध खनन पर लगाम के लिए बनास में खुदवाई खाईयां, बनास नदी के बजरी रास्तों को किया बंद

बजरी के अवैध खनन पर लगाम के लिए बनास में खुदवाई खाईयां, बनास नदी के बजरी रास्तों को किया बंद

राजमहल। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद आखिरकार बजरी खनन पर लगाम कसने के लिए पुलिस व एसआईटी की टीम धीरे-धीरे हरकत में आनी शुरू हो गई है। क्षेत्र में गुरुवार सुबह बजरी खनन पर अंकुश लगाने के लिए दूनी थानाधिकारी बाबूलाल टेपण ने मय पुलिस जाब्ते के राजमहल बनास नदी में पहुंचकर बनास नदी से बजरी खनन पर रोक लगाने के लिए बनास नदी के बजरी रास्तों पर जेसीबी मशीन से खाईयां खोदकर रास्ते बंद कर दिए है।
कार्यवाही के दौरान बजरी खनन माफियाओं में हडकम्प मच गया। बनास नदी की ओर बजरी भरने जा रहे ट्रैक्टर ट्रॉली बिना बजरी भरे गांव की गलियों में दौड़ते नजर आए। बनास में खाईयां खोदने के दौरान दूनी थानाधिकारी बाबूलाल टेपण, तहसीलदार देवली रमेशचंद्र, हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार जाट आदि मौजूद थे।

यहां नहीं हुई कार्यवाही- एसआईटी टीम की ओर से गुरुवार को बजरी खनन को लेकर की गई कार्यवाही के दौरान एसआईटी टीम ने राजमहल, बोटूंदा, कुरासिया आदि गांव के करीब बनास नदी के बजरी मार्गों पर जेसीबी मशीन से खाईयां खोद दी। जिससे यहां दिनभर बजरी का खनन बंद रहा। वही पास ही स्थित नयागांव, संथली, सतवाडा, भगवानपुरा के पास पातलिया घांट आदि गांव से गुजर रही बनास नदी क्षेत्र में कार्यवाही नहीं करने के कारण यहां से बजरी के ट्रैक्टर ट्रॉली गुजरते नजर आए।

खाई खोदने तक सीमित प्रशासन- पिछले कई महीनों से पुलिस व एसआईटी टीम के अधिकारी कर्मचारी हर बार बजरी खनन पर अंकुश लगाने के लिए सिर्फ बनास नदी में एक या दो रास्तों पर जेसीबी मशीन से खाईयां खोदकर शांत हो जाते हैं वहीं बजरी खनन माफिया उन रास्तों को रात के अंधेरे में भरकर वापिस बजरी का खनन शुरू कर देते हैं।
जिसकी जानकारी एसआईटी टीम के अधिकारीयों व खनिज विभाग व पुलिस के आला अधिकारियों को देने के बावजूद धड़ल्ले से गुजरते बजरी से भरे वाहनों पर कार्रवाई नहीं होती है जिससे बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे है। मगर टीम की ओर से कभी भी क्षेत्र में बजरी के स्टॉकों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे क्षेत्र में धड़ल्ले से दिन में बजरी के स्टॉक व रात को बजरी का परिवहन किया जाता है।
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