पार्षदों का आरोप है कि पालिकाध्यक्ष द्वारा मनमानी करते हुए बोर्ड की बैठकें नहीं बुलाने तथा बोर्ड बैठकों में लिए गए प्रस्तावों पर कार्रवाई नहीं कर उनको मनमर्जी से खारिज करने से पालिका क्षेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं करवाया जा रहा है।
वार्ड 10 के पार्षद युधिष्ठर सिंधी ने बताया कि पालिका के चुनाव में वार्डवासियों से विकास करवाने के लिए कड़ी से कड़ी जोडऩे के लिए भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। मतदाताओं ने समर्थन देते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान किया इससे पालिका में भाजपा का बोर्ड बना, लेकिन सवा दो साल निकल जाने के बावजूद विकास कार्य नहीं होने से वार्ड में जाने पर वार्डवासियों की खरी-खोटी से दो-चार होना पड़ता है।
अधिशासी अधिकारी का कहना है
अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि पालिका कोष में चौथे, पांचवे वित्त आयोग, निजी आय के स्रोत से कुल 18 करोड़ रुपए जमा है तथा 9 फरवरी 2018 को आयोजित बोर्ड की बैठक में बजट का अनुमोदन नहीं होने से 24 करोड़ रुपए का बजट सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजा हुआ है। बोर्ड की बैठकों के अभाव में विकास कार्य नहीं हो पा रहे है।
प्रतिपक्ष नेता का कहना
प्रतिपक्ष नेता मरगुब अहमद ने बताया कि नगरपालिका में पालिकाध्यक्ष का भाजपा पार्षदों के साथ ही ताल-मेल नहीं है। उनकी हठधर्मिता के चलते सवा दो साल के कार्यकाल में कोई विकास के कार्य नहीं हुए है।