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19 करोड़ जमा होने के बाद भी शहर के विकास कार्यों को लगा है ग्रहण, विपक्ष ने लगाया तालमेल नही होने का अरोप

locationटोंकPublished: Mar 16, 2018 10:35:51 am

Submitted by:

pawan sharma

सवा दो साल निकल जाने के बावजूद विकास कार्य नहीं होने से वार्ड में जाने पर वार्डवासियों की खरी-खोटी से दो-चार होना पड़ता है।

नगरपालिका

नगरपालिका में पालिकाध्यक्ष का भाजपा पार्षदों के साथ ही ताल-मेल नहीं है।

मालपुरा. केन्द्र व राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद नगरपालिका मालपुरा में दो वर्ष व दो माह पूर्व हुए चुनावों के बाद नगरपालिका में भाजपा का बोर्ड बनने के बाद लोगों ने सपना देखा था कि नगरपालिका क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे, लेकिन नगरपालिका में पालिकाध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी, पार्षदों के आपसी ताल-मेल के अभाव में विकास कार्य को ग्रहण सा लग गया है, इसके चलते गत दो वर्ष का नगरपालिका का बजट राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग द्वारा ही पास किया जा रहा है।
नगरपालिका में वर्तमान में विभिन्न मदों के 18 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन के 1 करोड़ 15 लाख रुपए जमा है, लेकिन दो वर्ष दो माह से कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है। नगरपालिका कोष में पिछले सवा दो साल से 18 करोड़ रुपए खाते में जमा है जिनको क्षेत्र के 25 वार्डों के विकास कार्य में खर्च किया जाना था, लेकिन नगरपालिका में पालिकाध्यक्ष सपना टेमाणी, अधिशासी अधिकारियों के बार-बार बदलने तथा पार्षदों के आपसी ताल-मेल के अभाव में वार्डों का विकास अटका हुआ है।

पार्षदों का आरोप है कि पालिकाध्यक्ष द्वारा मनमानी करते हुए बोर्ड की बैठकें नहीं बुलाने तथा बोर्ड बैठकों में लिए गए प्रस्तावों पर कार्रवाई नहीं कर उनको मनमर्जी से खारिज करने से पालिका क्षेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं करवाया जा रहा है।
लगातार दो वर्षों से नगरपालिका का वार्षिक बजट भी पालिका बोर्ड द्वारा स्वीकृत नहीं होकर राज्य सरकार की ओर से विभागीय स्तर पर स्वीकृत किया जा रहा है। नगरपालिका में भाजपा का बोर्ड होने के बावजूद भाजपा के पार्षदों की ही अनदेखी की जाती है इससे भाजपाई पार्षद पालिकाध्यक्ष की कार्यशैली से नाराज है।
सुननी पड़ती है
वार्ड 10 के पार्षद युधिष्ठर सिंधी ने बताया कि पालिका के चुनाव में वार्डवासियों से विकास करवाने के लिए कड़ी से कड़ी जोडऩे के लिए भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। मतदाताओं ने समर्थन देते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान किया इससे पालिका में भाजपा का बोर्ड बना, लेकिन सवा दो साल निकल जाने के बावजूद विकास कार्य नहीं होने से वार्ड में जाने पर वार्डवासियों की खरी-खोटी से दो-चार होना पड़ता है।

अधिशासी अधिकारी का कहना है
अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि पालिका कोष में चौथे, पांचवे वित्त आयोग, निजी आय के स्रोत से कुल 18 करोड़ रुपए जमा है तथा 9 फरवरी 2018 को आयोजित बोर्ड की बैठक में बजट का अनुमोदन नहीं होने से 24 करोड़ रुपए का बजट सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजा हुआ है। बोर्ड की बैठकों के अभाव में विकास कार्य नहीं हो पा रहे है।

प्रतिपक्ष नेता का कहना
प्रतिपक्ष नेता मरगुब अहमद ने बताया कि नगरपालिका में पालिकाध्यक्ष का भाजपा पार्षदों के साथ ही ताल-मेल नहीं है। उनकी हठधर्मिता के चलते सवा दो साल के कार्यकाल में कोई विकास के कार्य नहीं हुए है।
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