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टोंक

शिक्षा: जिले के सरकारी स्कूलों में नामांकन के हाल, बालिकाओं में उत्साह, बालक पिछड़े

सरकारी स्कूलों में नामांकन प्रक्रिया जारी है। गत साल के नामांकन पर नजर डाली जाए तो लड़कियां पढऩे में आगे है। वहीं लडक़े पिछड़ रहे हैं।

टोंकMay 16, 2024 / 08:33 pm

pawan sharma

enrollment process

टोंक. रानीपुरा गांव में नामांकन के लिए अभिभावकों से सम्पर्क करते शिक्षक।

  • सरकारी स्कूलों में नामांकन प्रक्रिया जारी है। गत साल के नामांकन पर नजर डाली जाए तो लड़कियां पढऩे में आगे है। वहीं लडक़े पिछड़ रहे हैं।
सरकारी स्कूलों में नामांकन प्रक्रिया जारी है। गत साल के नामांकन पर नजर डाली जाए तो लड़कियां पढऩे में आगे है। वहीं लडक़े पिछड़ रहे हैं। जिले की कक्षा से लेकर कक्षा 12वीं तक के कुल नामांकन में छात्राओं की संख्या ज्यादा है। जबकि छात्रों की कम है।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार जोर दे रही है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर और भवनों की स्थिति सुधारी जा रही है। शिक्षा विभाग उच्च शिक्षा को लेकर नियमित मॉनीटङ्क्षरग भी कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि जिले की सरकारी स्कूलों में छात्राओं की संख्या बढ़ी है।
यह संख्या छात्रों से काफी अधिक है। शिक्षा विभाग के अनुसार जिले में गत वर्ष जिलें में कक्षा एक से लेकर 12 तक कुल एक लाख एक हजार 5 विद्यार्थियों का नामांकन था। इसमें छात्र 45 हजार 69 तथा छात्राएं 55 हजार 932 है।
घर-घर जा रहे शिक्षक

गत एक मई से सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। इसके लिए विद्यालय के शिक्षक घर-घर जा रहे हैं। वे अभिभावकों से बात कर विद्यार्थियों का नामांकन कराने का कह रहे हैं।
स्कूलों की भी सुधरी दशा

एक दौर था जब सरकारी स्कूलों पर कम ही ध्यान दिया जाता था। कई भवन तो ऐसे थे जिनकी छत बरसात में टपकती रहती थी। ज्यादा स्कूलों में संशाधनों का अभाव था। अब स्कूलों में भामाशाह के माध्यम से कई तरह के विकास कार्य कराए गए हैं। इससे जहां नए भवन बने हैं, वहीं स्कूलों में शिक्षा से जुड़े सभी प्रकार के संशाधन भी आ गए हैं। इसके चलते विद्यार्थियों को रुझान अब सरकारी स्कूलों की तरफ होने लगा है।
योजनाओं का भी पड़ रहा असर

सरकारी स्कूल में बालिकाओं के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं भी चलाई है। इसमें साइकिल व स्कूटी योजना शामिल है। ऐसे में पढ़ाई के लिए बालिकाओं का नामांकन बढ़ा है। वहीं लोगों में जागरूकता भी आई है।
कक्षा 10 में दो हजार का फासला

कई कक्षाओं में बालिकाओं की संख्या 800 से एक हजार के करीब ज्यादा है। लेकिन कक्षा 10 में बालिकाएं बालकों से दो हजार ज्यादा थी। जिले की स्कूलों में कक्षा दस में बालक 5 हजार 208 तथा बालिकाएं 7 हजार 37 थीं।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर काफी अधिक हो गया है। स्कूल भवन अब सभी सुविधाओं युक्त है। निजी स्कूल की तरह खेल मैदान, पार्क तथा पढ़ाई के लिए सभी प्रकार के संसाधन है। ऐसे में अभिभावक अब निजी के स्थान पर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को भेजने लगे हैं। वहीं बालिका शिक्षा को भी बढ़ावा मिला है। अभिभावक अपने बच्चों को बराबर शिक्षा दिला रहे हैं।
रामबाबू शर्मा, शिक्षक
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रानीपुरा नयागांव
इनका कहना है

इन दिनों नामांकन शुरू हो गए हैं। ऐसे में शिक्षक घर-घर जाकर विद्यार्थियों का नामांकन कर रहे हैं। वहीं गत सत्र में सरकारी स्कूलों में बालिकाओं की संख्या ज्यादा थी।
चौथमल चौधरी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी टोंक
फैक्ट फाइल

कक्षा बालक बालिका कुल
01 1144 1412 2556
02 2218 2759 4977
03 2440 2965 5405
04 2265 2865 5131
05 2570 3342 5913
06 3374 4562 7936
07 3559 4744 8304
08 4100 5027 9127
09 6992 8421 15414
10 5208 7037 12245
11 5665 6515 12180
12 5534 6283 11817

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