टोंक

नलों में आ रहा दुषित पानी, शिकायत के बाद भी विभाग नही दे रहा ध्यान

कस्बे के वार्ड नम्बर 8 व 9 में शुक्रवार को पेयजल वितरण के समय नलों में गंदा पानी आने से उपभोक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया।

टोंकJan 18, 2020 / 07:47 pm

pawan sharma

नलों में आ रहा दुषित पानी, शिकायत के बाद भी विभाग नही दे रहा ध्यान

उनियारा. कस्बे के वार्ड नम्बर 8 व 9 में शुक्रवार को पेयजल वितरण के समय नलों में गंदा पानी आने से उपभोक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया। वार्डों के निवासी पांचूलाल, चमेली देवी, बबिता वर्मा, नरेन्द्र कुमार, राहुल शर्मा, योगेश शर्मा, नरोत्तम शर्मा, प्रवीण शर्मा, मोडूलाल वर्मा, औंकार सिंह आदि ने बताया कि सुबह पेयजल आपूर्ति में कीचड़ युक्त पानी आ रहा है।
उन्होंने बताया कि कस्बे में जलदाय विभाग द्वारा चौबीस घंटे में एक ही समय पेयजल का वितरण किया जाता है। उसमें भी गंदा एवं बदबू द्वार पानी आ रहा। इस बारे में जलदाय विभाग को कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत भी कराया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया।
इस संबंध में जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता ऋषिकेश मीणा ने बताया कि पाइप लाइन का वॉल काफी समय से अवरूद्व था, जिसकी गुरुवार को सफाई करवाई गई थी। ऐसे में संभवतया कुछ समय मिट्टी युक्त पानी आ गया होगा। अब इसकी शिकायत नहीं आएगी।
वेतन को तरसते अस्पतालकर्मी , गत 6 माह से नहीं मिला वेतन, आर्थिक तंगी का कर रहे सामना


देवली. राजकीय अस्पताल देवली में कार्यरत दर्जनभर कर्मचारियों व चिकित्सकों को मासिक वेतन के लिए कई माह से तरसना पड़ रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कर्मचारियों की उक्त समस्या की ओर ध्यान नहीं है।

जानकारी अनुसार सरकारी अस्पताल में मद संख्या 789 में दर्जनभर मेल नर्स व दो चिकित्सक शामिल है, जिन्हें हर माह इसी मद से वेतन भुगतान मिलने का प्रावधान है, लेकिन इन कर्मचारियों व चिकित्सकों को पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों ने बताया कि गत जुलाई माह से लेकर अभी तक वेतन नहीं मिलने से उन्हें रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में दिक्कत हो रही है। लिहाजा उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।
कर्मचारियों ने बताया कि इनमें कई कार्मिक तो ऐसे है, जिन्हें वेतन मिले एक वर्ष से अधिक समय हो गया। इसी प्रकार जिले के निवाई, टोडा, मालपुरा व डिग्गी सहित अस्पतालों में कार्यरत उक्त मद के कर्मचारियों को वेतनमान के लिए तरसना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष एक बार कर्मचारियों के लिए बजट स्वीकृत हुआ, लेकिन अपर्याप्त बजट स्वीकृत होने से कर्मचारियों को औसतन एक माह से अधिक का वेतन नहीं मिल सका। उक्त बजट ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ। जबकि अन्य मद के कर्मचारियों व चिकित्सकों को नियमित वेतन मिल रहा है।
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