टोंक

सूखे जल स्त्रोत और नलों से नहीं टपक रहा अमृत

पंचायतों मे जल स्त्रोतों के सूखने और गिरते भूजल स्तर के कारण हैण्डपम्प नकारा होने से जल संकट गहराने लगा है।

टोंकMar 19, 2019 / 03:11 pm

MOHAN LAL KUMAWAT

आवां क्षेत्र मे बारिश की बेरूखी से सूखे कुएं और रीति पड़ी टंकी एवं पम्प हाउस

आवां. कस्बे सहित निकट की पंचायतों मे जल स्त्रोतों के सूखने और गिरते भूजल स्तर के कारण हैण्डपम्प नकारा होने से जल संकट गहराने लगा है। क्षेत्र के मीठे पानी के अधिकांश कुएं सूखने से इनका पैदा नजर आने लगा है।
 

गर्मी की दस्तक के साथ ही कस्बे सहित बारह पुरों में पेयजल संकट नजर आना लगा हैं। कनवाड़ा, सीतापुरा, राजकोट, टोड़ा का गोठड़ा, बड़ोली, चांदली, चांदसिंहपुरा, टोकरावास पंचायतों के ग्रामीणों के साथ मवेशियों के सामने जल संकट की स्थिति नजर आ रही हैं।
 

रघुवीर सिंह, रतन लाल, सद्दाम, महावीर, रामरूप, संजय गोयल, गोविन्द, महेन्द्र, आदि आवांवासियों ने बताया कि कस्बे सहित निकट के गांवों को मीठा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बना पम्प हाउस विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते महज शोपीस बना हुआ है।
 

लाइन बिछने के बावजूद पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। उपभोक्ताओं को खारा और फ्लोराइड़ युक्त पानी भी नसीब नहीं हो रहा है।

 

ग्राम की जल-ग्रहण की टकियां रीति पड़ी रहने से ग्रामीणों को एक पखवाड़े में भी पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है। नलों से पानी नहीं टपकने के कारण लोग महंगे भाव के टैंकर खरीदने को मजबूर हैं।
 

बीसलपुर का पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी अधिकारियों के कोरे आश्वासन मिल रहे हैं।

 

विगत दिनों आवां में बीसलपुर के मीठा पानी की पर्याप्त और सुचारू आपूर्ति को लेकर पंचायत समिति सदस्य दुर्लभ चन्द जैन अगुवाई में सरदार अली, भागचन्द गोयल, नारायण चतुर्वेदी, दिनेश बैरवा, द्वारका सेन, नाथू लाल आदि ग्रामीणों ने आवां में जन संवाद के दौरान विधायक हरीश चन्द्र मीना को ज्ञापन सौंप राहत दिलाने की मांग की थी।
 

इधर जलदायकर्मियों का कहना है कि ग्राम की ट्यूबवेल और बोरिगों का जलस्तर नीचे चला गया है ।इसके चलते आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

 

 
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