प्रतियोगिता में बच्चों ने अपने विचारों को रंग देकर उन्हें केनवास पर जीवंत रूप दिया। बच्चों में किसी ने पर्यावरण संरक्षण, बाल विवाह, दहेज प्रथा, बढ़ते अपराध, यातायात नियमों की पालना, जल संरक्षण, स्वच्छता आदि विषयों का संदेश दिया था तो किसी ने कोरोना वायरस से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए अपनी संवेदनाओं को कागज पर उकेरा।
निर्णायक रहे कला शिक्षक महेश गुर्जर व नरेन्द्र साहू ने प्रतियोगिता में तीनों श्रेणियों में सबसे श्रेष्ठ रही पांच-पांच प्रविष्ठियों का चुनाव किया। प्रतियोगिता में विजेता रहे आर्या, वर्षा मीणा, मुस्कान, ज्योति , ऋद्धिमा जैन, कनिका , भूमिका, सिद्धि, हर्षित, परिष्कार, भव्या, माहि, निशा मीणा, वैभवी, सिमरन, मानस व अल्तमश आदि को निर्णायकों द्वारा कलर किट, व ड्राइंग बुक देकर सम्मान किया गया।
इस दौरान गुर्जर ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों के सृजनात्मक शारीरिक विकास और आनन्द मय शिक्षण के लिए कला शिक्षा ,चित्रकला संगीत, विषय का शिक्षण जरूरी है। चित्रकला प्रतियोगिता से बच्चों में छिपी उनकी प्रतिभा निकल कर सामने आती है। इस तरह कलाओं की सृजनात्मक, रचनात्मक प्रतियोगिताऐं विद्यालय स्तर पर बहुत जरूरी है। प्रधानाचार्य कामिनी श्रीवास्तव ने पत्रिका के द्वारा आयोजित किए जाने वाले जनसरोकार जैसे आयोजनों की प्रंशसा कर हम सभी को इसमें भागीदारी निभाना चाहिए।