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सामूहिक अवकाश से कार्यालय रहे सूने, पटवारी मिला ना बाबू, लोग हुए परेशान

locationटोंकPublished: Dec 09, 2017 08:39:10 am

Submitted by:

pawan sharma

कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे कार्यालय सूने पड़े रहे।
 

 सूने पड़े कार्यालए

टोंक. सघंर्ष समिति से जुड़े कर्मचारीसामूहिक अवकाश पर रहे। इससे सूने पड़े कार्यालए आए लोगों को लौटना पड़ा।

टोंक. कर्मचारियों की मांगों का सरकार की ओर से निस्तारण नहीं किए जाने का नुकसान जिले के लोगों को उठाना पड़ रहा है। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त सघंर्ष समिति से जुड़े कर्मचारी शुक्रवार से सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे सूने पड़े कार्यालए आए लोगों को लौटना पड़ा।
जिले में संघर्ष समिति, शिक्षक संघ शेखावत, रेसला, रेस्टा, अम्बेडकर, प्रगतिशील, ग्राम सेवक संघ, जलदाय विभाग संघ, पटवार संघ, कानूनगो संघ, सहायक कर्मचारी संघ, पशु पालन संघ, नर्सिंग एसोसिएशन, आयुर्वेद, कम्प्यूटर कर्मचारी संघ आदि से जुड़े कर्मचारी अवकाश पर रहे।
समिति के जिला महामंत्री सज्जनसिंह ने बताया कि सोमवार से कर्मचारी 48 घंटे तक क्रमिक अनशन करेंगे। इसके बाद 12 दिसम्बर को सामूहिक कलमबंद आंदोलन तथा 13 दिसम्बर को कलक्ट्रेट में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर कलक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।
स्कूलों के लगे रहे ताले
कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में जिले की अधिकतर स्कूलों के ताले लगे रहे। हालांकि कई स्कूल खुले भी रहे। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय डारडाहिन्द में शिक्षक आए, लेकिन उन्होंने रजिस्टर में अवकाश दर्शाकर विद्यालय समय तक विद्यार्थियों की कक्षाएं ली। शिक्षकों की इस पहल को ग्रामीणों ने भी सराहा। वहीं कई स्कूलों में तो शिक्षक पहुंचे ही नहीं।


पटवारी मिला ना बाबू
शहर के कलक्ट्रेट, जिला परिषद, जलदाय विभाग, तहसील कार्यालय समेत अन्य विभागों के कार्यालयों में कर्मचारी नहीं आए। ऐसे में लोगों को ना तो पटवारी मिले ना ही कोई लिपिक मिला। खाली कुर्सियों के चलते लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।
कामकाज रहा ठप
टोडारायसिंह. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर उपखण्ड क्षेत्र में सभी विभागों के कार्मिक सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। विद्यालयों में अध्ययन बाधित रहा।
मालपुरा. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को उपखण्ड क्षेत्र में कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे कार्यालय सूने पड़े रहे। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।

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