बीएलओ अपने मूल पद की समस्त जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए पूर्ण करते है साथ ही बीएलओ का कार्य अतिरिक्त भार के रूप में है। फिर भी अन्य विभागों के कार्य भी बीएलओ पर ही थोप दिए जाते हैं। डोर-टू-डोर सर्वे, कोरोना मरीजों की देखरेख, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कार्य जैसे ऑक्सीजन लेवल नापना, बुखार के लक्षण, पल्स, दवाई वितरण, टीकाकरण, पालनहार योजना की जानकारी, फील्ड में गर्भवती महिलाओं की सूचना, शौचालय की गणना, खाद्य सुरक्षा से संबंधित कार्य सहित कई प्रकार के सर्वे भी बीएलओ से करवाए जाते हैं।
जो बीएलओ कार्य क्षेत्र में नहीं आते हैं। ज्ञापन में बीएलओ से चुनाव कार्य ही करवाने, 50 से अधिक आयु के बीएलओ को हटाने, प्रति दो वर्ष के बाद बीएलओ का कार्य पंचायत क्षेत्र में कार्यरत अन्य कार्मिको से करवानेए बीएलओ को सालना मिलने वाली सुविधा राशि को दस हजार करने, बीएलओ का कार्य व अन्य पंचायत स्तर के कार्य पंचायत सहायक से करवाने, छुट्टियों में बीएलओ से करवाए जाने वाले कार्य के बदले सीसीएल या उपार्जित अवकाश देनेए मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण कार्यक्रम के समय कार्यालय से मुक्त करने आदि की मांग की गई है।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रेमसुन्दर बैरवा, सत्यनारायण प्रजापति, शंकरलाल कुमावत, कालूराम बैरवा, मदनलाल माली, रामकिशन मीणा, भंयकर जाट, सुरेशचंद कंवरिया, बाबूलाल ढोली, राहुल भारद्वाज, रामकल्याण गुर्जर व सत्यनारायण खंगार शामिल थे।