जबकि माली समाज का प्रतिनिधि मंडल तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी, जिला कलक्टर, वन विभाग से लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटवाने की मांग कर चुका है, लेकिन प्रशासन अतिक्रमी के रसूख के आगे दब रहा है।
समाज के प्रदेश महासचिव मुकेश अजमेरा ने बताया कि खसरा नम्बर 951 कस्बा शर्की में माली समाज की कुलदेवी माता का प्राचीन मंदिर है। जहा समाज के लोग पीढिय़ों से पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इस पर एक व्यक्ति ने अतिक्रमण कर लिया है।
जबकि उसकी पट्टाशुदा जमीन समीप है। ऐसे में उसने उक्त जमीन की आड़ में अतिक्रमण कर लिया है। इसकी शिकायत गत 26 जून, गत 7 मई तथा गत 20 अप्रेल को उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार से भी की, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
इसके बाद जिला कलक्टर तथा मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटवाने की मांग की, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि गत 17 मई को टोंक तहसीदार ने वन मण्डल अधिकारी को पत्र भेजकर उक्त भूमि से अतिक्रमण हटवाने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर झगड़े की आशंका जताई है। इसके बाद वन विभाग ने उक्त जमीन का निरीक्षण भी किया, लेकिन अतिक्रमण हटाने में अनदेखी बरती जा रही है।
गलत तथ्य पेश कर खातेदारी भूमि का खुलवाया नामान्तरण
लाम्बाहरिसिंह. गलत तथ्य पेश कर राजस्व रिकार्ड में हेराफरी कर खातेदारी भूमि का नामान्तरण खुलवाने पर पीडि़त ने जरिए इस्तगासे आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कराया। थाना प्रभारी रतन लाल ने बताया कि मालपुरा निवासी सुखदेव रैगर द्वारा दर्ज इस्तगासे के अनुसार रुपाहेली गांव में खातेदार मालपुरा निवासी कानाराम रैगर के खसरा नम्बर 215 में दस बीघा दर्ज है।
खातेदार की मृत्यु होने पर मृतक के वारिश जीवित होने के बावजूद आरोपित मालपुरा निवासी देवी लाल रैगर ने गलत तथ्य पेश कर रिकार्ड में हेराफेरी कर स्वयं के नाम नामान्तण खुलवाकर कब्जा कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।