इन दिनों भगवानपुरा के करीब बनास नदी किनारे बीसलपुर बांध के डूब में आए विस्थापितों के लिए आरक्षित भूमि सहित चरागाह भूमि पर लोग रोजाना अतिक्रमण कर कई लोग बाड़े तो कई लोग खेत बनाकर कब्जा कर रहे है, जिसकी जानकारी राजस्व विभाग के आला अधिकारियों व हल्का पटवारी सहित ग्राम पंचायत प्रशासन को होने के बाद भी नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे लोगों में नाराजगी बनी हुई है।
गौरतलब है कि भगवानपुरा के पास संथली सडक़ किनारे, बनास नदी के किनारे लगभग 100 बीघा से अधिक भूमि चरागाह व विस्थापितों के लिए आरक्षित भूमि है, जो आए दिन हो रहे अतिक्रमण के चलते अब महज दस बीघा भूमि भी नहीं रही है। जिसकी सूचना बार-बार लोगों की ओर से तहसीलदार देवली, हल्का पटवारी राजमहल व ग्राम पंचायत प्रशासन राजमहल को देने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे सरकार की करोड़ों की भूमि अतिक्रमियों के कब्जे में आ चुकी है। इन दिनों लोग कोई कांटों की बाड़ तो कई लोग तारबंदी के लिए पत्थर गाढकऱ अतिक्रमण करने में जुटे है।
अतिक्रमण भी नहीं हटा और काट दिए हरे पेड़ टोंक. दूनी के धुवांकला ग्राम पंचायत ने रास्ते पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के नाम पर खानापूर्ति कर दी। वहीं अतिक्रमण हटाने के स्थान पर खातेदारी की जमीन पर लगे हरे पेड़ों को काट दिया गया। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलक्टर से की है।
इसमें कलंदरपुरा गांव के बाबूलाल, फोरू, मुकेश, भरतराज, प्रभु, हेमराज, पालू मीणा आदि ने बताया कि धुवांकला ग्राम पंचायत ने सोमवार को इंदोदा से धुंधलेश्वर महादेव के जाने वाले रास्ते को खुलासा करने के लिए जेसीबी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, लेकिन यहां रास्ते से अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
बल्कि समीप के खातेदारी भूमि से ही नया रास्ता बनाकर हरे पेड़ काट दिए गए। जबकि शिकायत दूनी तहसीलदार के पास पहुंची तो नायबतहसीलदार और गिरदावर पहुंचे और कार्य को रुकवाया गया, लेकिन उक्त मार्ग पर किए गए अतिक्रमण को अभी तक नहीं हटाया गया है। उन्होंने अतिक्रमण को हटवा गलत तरीके से कार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।