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बारी-बारी से पानी छोडऩे का निर्णय, अभियन्ताओं ने नहरों का किया निरीक्षण

locationटोंकPublished: Nov 15, 2017 09:16:02 am

Submitted by:

pawan sharma

माइनरों पर गश्त कर अवैध रूप से लगाए गए इंजन, साइफन आदि हटवाए।
 

नहर का निरीक्षण

टोंक के पास से गुजर रही नहर का निरीक्षण करते अभियन्ता।

टोंक. बीसलपुर परियोजना अभियन्ताओं ने टेल तक पानी पहुंचाने की कवायद में मंगलवार को माइनरों पर गश्त कर अवैध रूप से लगाए गए इंजन, साइफन आदि हटवाए। उन्होंने टेल तक पानी पहुंचाने को लेकर बमोर व गोपालपुरा वितरिका में बारी-बारी से पानी छोडऩे का निर्णय किया।
कनिष्ठ अभियन्ता नन्दराम गुर्जर ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे से गोपालपुरा वितरिका में पानी छोड़ा जाएगा। बाद में पानी की मात्रा बढ़ाई जाएगी। तीन दिन बाद बमोर वितरिका में पानी छोड़ेंगे। इससे पहले अभियन्ताओं ने कई माइनरों का निरीक्षण कर किसानों को नहरों को क्षतिग्रस्त नहीं करने के लिए भी समझाया।
इस मौके पर कनिष्ठ अभियन्ता श्रीराम पुष्प, सौरभ शर्मा, प्रियंका यादव, किशन गुर्जर समेत पुलिसकर्मी मौजूद थे। इधर, नगर वितरिका का कनिष्ट अभियन्ता निर्मल माथुर, श्रवण कुमावत, अमनदीप डोई, अर्चना मीणा ने निरीक्षण कर अवैध रूप से रखे इंजन व पार्टस जब्त किए। उन्होंने किसानों को हिदायत दी कि पानी का अवैध दोहन नहीं करें।
टेल के खेत अभी वंचित

बनेठा. क्षेत्र के गलवा बांध के टेल स्थित किसानों ने बांध में आरक्षित रखे जाने वाले पांच फीट पानी को सिंचाई के लिए छोड़े जाने की मांग को लेकर देवली-उनियारा विधायक राजेन्द्र गुर्जर का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में छात्र किसान महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर जाट सहित ग्रामीणों ने बताया कि 1960 में गलवा बांध का निर्माण क्षेत्र में सिंचाई के उद्देश्य से किया गया था,
लेकिन वर्ष 2005 में राज्य सरकार एवं एक निजी कम्पनी के मध्य अनुबन्ध के आधार पर कम्पनी को 1500 क्यूसेक पानी प्रतिदिन दिया जाना तय हुआ है। इस वर्ष कम वर्षा से बांध में जल स्तर कम रहने पर भी 5 फीट पानी जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जल वितरण समिति की बैठक में पानी आरक्षित रखे जाने का निर्णय टेल स्थित किसानों के हितों पर कुठाराघात है।

ज्ञापन में ये भी बताया गया है कि 22 अक्टूबर को छोड़े गए गलवा बांध का पानी अभी 30 किलोमीटर ही पहुंच पाने एवं टेल स्थित जमीन सूखी रहने से ठिकरिया सहित फतेहंगज भलाजीवाल, सूरज्या भैंरू केरोद, चितानी, सेदरी, पावाण्डेरा, मीणों की झौपडिय़ा, बनेठा, श्रीपुरा आदि गांवों के किसान सिंचाई को लेकर चिन्तित हैं।
छात्रकिसान महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि 36 गांवों में 107 किमी में गलवा बांध की नहर का पानी 13391 हैैक्टेयर सिंचाई करता है। कम वर्षा के कारण बांध का जलस्तर पानी आरक्षित रखने के लिए उचित नहीं है।
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