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टोरडी सागर बांध की नहर से सिंचाई का पानी खेतों में ले जाने की कवायद

locationटोंकPublished: Dec 09, 2019 05:02:09 pm

Submitted by:

pawan sharma

टोरडी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद सिंचाई का पानी खेतों तक ले जाने की कवायद में किसानों में होड़ मची हुई है।

टोरडी सागर बांध की नहर से सिंचाई का पानी खेतों में ले जाने की कवायद

टोरडी सागर बांध की नहर से सिंचाई का पानी खेतों में ले जाने की कवायद

टोडारायसिंह. टोरडी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद सिंचाई का पानी खेतों तक ले जाने की कवायद में किसानों में होड़ मची हुई है। उल्लेखनीय है कि टोरडी सागर की भराव क्षमता करीब 30 फीट है। 1996 के बाद पर्याप्त पानी की आवक नहीं होने से टोरडी सागर बांध की चादर भी नहीं चल पाई है।
इस बार भी बांध में करीब 22 फीट पानी की आवक हुई है, जिसके चलते इस बार महिनों चलने वाली तथा टोडारायसिंह, मालपुरा व आंशिक पीपलू क्षेत्र को ङ्क्षसचित करने वाली टोरडी सागर की साउथ व उत्तरी कैनालों में भी पानी कुछ दिनों तक पानी छोड़े जाने की उम्मीद है। हालात यह है कि पानी नहीं छोड़ा गया उससे पहले कैंचमेंट एरिया में अनाधिकृत सिंचाई शुरू कर दी, पिछले पखवाड़े में नहरों में देरी से पानी छोड़ा गया।
कमाण्ड क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के पानी की मांग बढ़ गई है। किसानों ने बताया कि नहरों में पूरी गति के साथ पानी नहीं आने से वितरिका में पानी पर्याप्त नहीं पहुंच पा रहा है, वितरिकाओं में पानी टेल तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसके चलते किसान मुख्य कैनाल से डीजल पंप सेट लगाकर खेतों तक पानी पहुंचाने में लगे हुए हैं।
बांध की मोरी में डाली मिट्टी, अभियंताओं ने मौके पर पहुंट हटवाई

टोडारायसिंह. टोडारायसिंह क्षेत्र के घारेड़ा बांध की मोरी में दो दिन से मिट्टी डालकर पानी रोकने की शिकायत पर सिंचाई विभाग के अभियंता मौके पर पहुंचे तथा मशक्कत के बाद मोरी को खुलासा करके रविवार को नहरों में फिर से पानी छोड़ा गया। जानकारी अनुसार घारेड़ा सागर बांध से एक दिसंबर को नहरों में पानी छोड़ा गया था, इधर केचमेंट एरिया के किसान अनाधिकृत सिंचाई करने के लिए दो दिन बाद ही ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिए मोरी में मिट्टी और बबूल की झाडिय़ां डालकर बंद कर दिया।
इधर, नहर में पानी बंद होने पर कमांड क्षेत्र के प्रभावित किसान मौके पर पहुंचे, जहां पर मोरी में मिट्टी डालने तथा पानी की आवक बंद हो जाने पर उपखण्ड प्रशासन को शिकायत की, जिस पर सिंचाई विभाग के अभियंता मौके पर पहुंचे मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से क्रेन के माध्यम से मिट्टी को बाहर निकलवाया गया तथा रविवार को नहर में फिर से पानी छोड़ा गया। कनिष्ठ अभियंता ने बताया उक्त मामले को लेकर बालापुरा के कुछ ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

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