कार्यालय तथा सभा स्थल पर पानी का टैंकर महज 300 रुपए का तय किया गया है। जबकि शहर में ये 400 से 500 रुपए का मिल रहा है। इसी प्रकार खाद्य सामग्री भी बाजार में महंगी है। इन सबके बावजूद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशी को खर्च का ब्यौरा तय की गई दरों के आधार पर ही करना होगा।
इससे उनके सामने दरों को लेकर परेशानी खड़ी होगी। नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद ही निर्वाचन विभाग की ओर से प्रत्याशी को हिसाब-किताब के लिए पुस्तिका दी जाएगी। इसमें हर खर्च का प्रति दिन के हिसाब से ब्यौरा लिखना होगा। ये समय-समय पर निर्वाचन विभाग के पास आएगा।
ब्यौरा पेश करने के बाद उसका मिलान होगा। ज्यादा राशि खर्च करने तथा ब्यौरा पेश नहीं करने पर निर्वाचन विभाग की ओर से सम्बन्धित प्रत्याशी को नोटिस दिया जाएगा। इसमें जवाब मांगा जाएगा कि राशि अधिक कैसे खर्च की तथा ब्यौरा क्यों नहीं दिया गया। ऐसा ही गत विधानसभा चुनाव में किया गया था।