जानकारी अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वार्ड नम्बर 24 का मोहनलाल उपचार करवाने आया था, जहां चिकित्सक द्वारा जांच के बाद दवाइयां लिख दी गई। मोहनलाल जब दवाइयां लेने दवा वितरण केन्द्र पर पहुंचा तो दवा वितरण प्रभारी ने मोहनलाल को एक्सपायरी डेट की दवाइयां दे दी, जिनका पता मोहनलाल को घर आने पर लगा।
जब मरीज के पुत्र ने दवाइयों की एक्सपायरी डेट पर नजर दौड़ाई तो दवा छह माह पूर्व ही एक्सपायर होना अंकित पाया गया। अस्पताल से जो दवाइयां दी गई वो वर्ष 2018 के 10वें माह में ही एक्सपायर हो रही है।
ऐसे में छह माह पूरानी दवाइयों का वितरण करना अस्पताल प्रशासन के दवा वितरण केन्द्र के दवा वितरण कार्य पर सवालिया निशान लगा रहे है। इधर, मरीज सहित उसके परिवारजनों ने मामले की जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी।
मामले की गंभीरता पर खण्ड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नरेन्द्र कुमार वर्मा ने चिकित्सा प्रभारी, डॉ. अर्जुनदास से मामले की जानकारी ली। इस पर डॉ. अर्जुनदास ने बताया कि दवा वितरण केन्द्र पर एक्सपायरी डेट की दवाईयों का वितरण नहीं किया जाता है गलती से कोई दवा का डिब्बा रह गया ,जिससे दवा का वितरण हो गया। दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।