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पेटाकाश्त के लिए किसानों ने बनास नदी में डाला डेरा

locationटोंकPublished: Oct 31, 2020 08:09:18 pm

Submitted by:

pawan sharma

पेटाकाश्त के लिए किसानों ने बनास नदी में डाला डेरा

पेटाकाश्त के लिए किसानों ने बनास नदी में डाला डेरा

पेटाकाश्त के लिए किसानों ने बनास नदी में डाला डेरा

राजमहल .बीसलपुर बांध के डाऊन स्ट्रीम में बहती बनास में इन दिनों टोंक, बूंदी व अजमेर जिलों के किसानों ने अस्थाई घर बनाकर पेटाकास्त में जुटने लगे है। गत वर्ष की अपेक्षा इस बार मानसून कमजोर रहने के चलते बांध में पानी की आवक कम हुई है। इसके चलते बनास में पानी की निकासी नहीं होने से बनास में पेटाकास्त कार्य जल्दी ही शुरू हो चुका है।
वही बांध में धीरे-धीरे घटते जलस्तर को लेकर आगामी मानसून सत्र के दौरान देरी से बांध भरने की उम्मीद को लेकर लम्बे समय तक बनास में कास्त कार्य होने की आशंकाओं को लेकर अच्छे मुनाफे की संम्भावना को मध्यनजर रखते हुए बनास में नदी कास्त के लिए टोंक, अजमेर, बूंदी जिले के किसान परिवार व पशुओं के साथ नदी में डेरा डालकर झौपडियां बनाने के साथ ही कृषि कार्य में जुट गए है, जिससे पिछले कई दिनों से सुनसान पड़ी बनास में श्रमिकों की चहलकदमी शुरू हो चुकी है।
दह किनारे से लेकर राजमहल, बोटून्दा, भगवानपुरा, नयागांव, संथली आदि बनास की सैंकड़ों बीघा भूमि ट्रैक्टरों से समतल करवाने के बाद बीज रखने के लिए क्यारियां बनाना, उसमें बीज रखना, उसके बाद गोबर की खाद में मिट्टी मिलाकर क्यारियों में भरने व पौधें अंकुरित होने के बाद फिर से गोबर व खाद लगाने उसके बाद तैयार फसल को तोडऩे आदि में श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
बीसलपुर बांध का निर्माण होने के बाद डाऊन स्ट्रीम में बजरी का पुनर्भरण नहीं होनेव गत कुछ वर्षों से लीज धारक व उसके बाद पनपे बजरी खनन मफिया की ओर से बनास में अंधाधुंध बजरी खनन के कारण नदी में तरबूज की जगह पिछले कुछ वर्षों से खीरा ककड़ी की पैदावार होने लगी है। अभी खीरा, कद्दू, लौकी, मिर्च, करेला, टमाटर आदि की फसलें एक साथ लगा रहे है।
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