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विभागों के चक्कर लगा रहे किसान

locationटोंकPublished: Mar 24, 2018 11:27:45 am

Submitted by:

pawan sharma

अनुदानित थ्रेसर के चलते किसानों को करीब बीस दिनों से दूनी स्थित एनजीओ कार्यालय सहित सम्बंधित विभागों के चक्कर लगाने पड़ रहे है।

थ्रेसर

बंथली क्षेत्र के दूनी कस्बा स्थित निजी एनजीओ कार्यालय में थ्रेसर की राशि वापस लेने आए किसान।

बंथली. कृषि विभाग की आरएसीपी योजना के तहत गत दिनों निजी एनजीओ की ओर से वितरित की गई खराब अनुदानित थ्रेसर के चलते किसानों को करीब बीस दिनों से दूनी स्थित एनजीओ कार्यालय सहित सम्बंधित विभागों के चक्कर लगाने पड़ रहे है।
आरएसीपी योजना का कार्य देख रही एनजीओ सृजन संस्था के माध्यम से क्षेत्र के आधा दर्जन किसानों को अनुदानित थ्रेसर वितरित की गई थी। अनुदानित थे्रसर ले किसान खेतों में पहुंचे तो पहली बार चलाने पर ही खराब थ्रेसर देख दंग रह गए।
किसानों ने बताया कि दी गई थ्रेसर फसल में से साफ दाना निकालने के बजाय बराबर मात्रा में भूंसा निकाल रही थी। किसानों ने बार-बार थ्रेसर चलाकर फसल निकालने का प्रयास किया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। इससे उन्हें फसलों को निकालने के लिए महंगे दामों पर किराए से थ्रेसर मंगवा कार्य करना पड़ा। इस पर किसानों ने थ्रेसर खराब होने की जानकारी एनजीओ व कृषि विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाई, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
परेशान किसान बीस दिन से एनजीओ कार्यालय सहित सहायक निदेशक टोंक, सहायक उपनिदेशक दूनी सहित विभागों के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हंै।

संयुक्त निदेशक ने सौंपी थी थ्रेसर


एनजीओं की ओर से कागजी कार्रवाई पूर्ण होने पर गत 5 मार्च को सहायक निदेशक कार्यालय का निरीक्षण करने आए संयुक्त निदेशक कृषि खण्ड़़ जयपुर जे. एस. संधू के हाथों हनुमानपुरा के किसान सीताराम गुर्जर, देवराज गुर्जर, नयागांव गोठड़ा के मदनलाल गुर्जर, ख्वासपुरा के रामकिशन गुर्जर, रतनलाल गुर्जर व भाणोली के पोखरलाल जाट को अनुदानित थ्रेसर वितरित की थी।
फिर किया मशीनों का निरीक्षण

कृषि उपनिदेशक निरंजनसिंह राठोड़ के निर्देशन में जयपुर से आई विभागीय अधिकारियों की टीम व मैकेनिकों ने शुक्रवार गांव-गांव जाकर थ्रेसर मशीनों को देख किसानों से जानकारी ली।
पीडि़त किसानों ने बताया कि थ्रेसर खराब होने की जानकारी देने के बाद से एनजीओ कार्मिकों, विभागीय अधिकारियों सहित मशीन निर्माण कम्पनी के मेकेनिक कई बार थ्रेसर मशीनों को देख उन्हें खाराब मान भी चुके है, लेकिन किसानों को संतोषप्रद जवाब नहीं दे रहे इससे किसान प्रतिदिन कार्यालयों के चक्कर लगा भटक रहे है।

यह मिला था किसानों को अनुदान


किसानों ने बताया कि कृषि विभाग की आरएसीपी योजना के तहत एनजीओ सृजन संस्था की ओर से किसानों से थ्रेसर मशीन के आवेदन लिए इसमें थ्रेसर की कुल कीमत एक लाख 68 हजार थी। इसमें एनजीओ ने 93 हजार 560 रुपए का किसानों से बैंक की ओर डिमान्ड़ ड्राफ्ट के जरिए राशि ली। वही 74 हजार 440 रुपए सरकार की ओर से किसानों का अनुदान दिया गया था।
नहीं दिए कम्पनी को ड्राफ्ट


जयपुर से आई टीम ने थ्रेसर मशीनों की जांच की है। इसमें खराबी होना पाया गया है। किसानों की ओर से कम्पनी के नाम बैंक से बनाकर दिए डिमांड ड्राफ्ट विभाग ने रोक लिए है। टीम की ओर से उच्चाधिकारियों से वार्ता होने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
-निरंजनसिंह राठोड़ उपनिदेशक कृषि विस्तार, टोंक

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