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मारपीट कर गला रेत की थी हत्या, फास्ट ट्रेक न्यायालय ने पिता-पुत्र दोनों को सुनाई दस साल की सजा

locationटोंकPublished: Dec 14, 2019 04:02:22 pm

Submitted by:

pawan sharma

Court verdict: जानलेवा हमला करने के मामले में अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) ललिता शर्माने शुक्रवार को पिता-पुत्र को 10 साल की सजा सुनाई है।

मारपीट कर गला रेत की थी हत्या, फास्ट ट्रेक न्यायालय ने पिता-पुत्र दोनों को सुनाई दस साल की सजा

मारपीट कर गला रेत की थी हत्या, फास्ट ट्रेक न्यायालय ने पिता-पुत्र दोनों को सुनाई दस साल की सजा

टोंक. जानलेवा हमला करने के मामले में अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) ललिता शर्मा ने शुक्रवार को पिता-पुत्र को 10 साल की सजा सुनाई है। अभियुक्त देवली के सिरोही निवासी बाबूलाल पुत्र फूंदालाल कुम्हार तथा उसका पुत्र गणेश प्रजापत है। अपर लोक अभियोजक अनिल मिश्रा ने बताया कि 25 अप्रेल 2017 को बरेड़ा की ढाणी निवासी सुवालाल पुत्र जगन्नाथ कुम्हार ने देवली थाने में मामला दर्ज कराया था।
इसमें बताया था कि किसी ने सूचना दी कि उसका भाई रामदेव गोपीपुरा गांव के समीप भैरूंजी के मंदिर के पास घायल अवस्था में पड़ा है। किसी ने रामदेव का गला रेत दिया है। उसे देवली चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां हालत गम्भीर होने पर चिकित्सकों ने उसे जयपुर रैफर कर दिया। जहां उसका उपचार कराया गया।
पुलिस ने मामला दर्जकर जांच के बाद आरोपी सिरोही निवासी बाबूलाल व उसके पुत्र गणेश प्रजापत को गिरफ्तार किया और न्यायालय में चालान पेश किया। पुलिस ने बताया था कि पिता-पुत्र का रामदेव के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा था। इसी झगड़े को लेकर दोनों ने रामदेव के साथ मारपीट की ओर गला रेत दिया।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 15 गवाह तथा 20 दस्तावेज पेश किए। न्यायालय ने मामले की जांच, सुनवाई व साक्ष्य के आधार पर पिता बाबूलाल और उसके पुत्र गणेश को दोषी माना और 10 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई। वहीं न्यायालय ने उन पर 25 हजार 500 रुपए का जुमार्ना भी किया है।
चेक अनादरण के दोषी को 6 माह का साधारण कारावास
देवली. अपर न्यायिक मजिस्टे्रट अमरसिंह खारडिय़ा ने चेक अनादरण के मामले में एक जने को दोषी मानते हुए 6 माह के साधारण कारावास व परिवादी को क्षतिपूर्ति बतौर 50 हजार रुपए देने के फैसले से दण्डित किया है।
प्रकरण में शहर निवासी नोरतमल को उक्त आदेश से दण्डित किया है।
अभियुक्त ने शहर के एक इलेक्ट्रिक एण्ड मशीनरी स्टोर से 8 हार्स पावर का इंजन पम्पसेट खरीदा था, जिसके भुगतान पेटे अभियुक्त ने 32 हजार 250 रुपए का परिवादी को चेक दिया, जिसकी राशि भुनाने के लिए परिवादी ने उक्त चेक अपने बैंक खाते में लगाया। यह चेक खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने की वजह से लौट गया।
बाद में परिवादी ने विधिक सूचनाएं अभियुक्त को भिजवाई, लेकिन अभियुक्त ने परिवादी को कोई जवाब दिया न भुगतान किया। इस पर परिवादी ने सक्षम न्यायालय में परिवाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई। वहीं न्यायालय ने गवाह व सबूतों को आधार बनाते हुए दोषी नोरतमल को 6 माह के साधारण कारावास व 50 हजार रुपए के क्षतिपूर्ति आदेश से दण्डित किया।
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