वहीं तपिश से बार-बार लोगों का गला सूख रहा था। गन्ने का जूस,कोल्ड ङ्क्षड्रक आदि पीकर लोग गला तर करते दिखे। दोपहर तक गर्मी के चरम सीमा पर पहुंचने के चलते लोग जरूरी कार्य होने पर घरों से बाहर निकले। झुलसा देने वाली गर्मी के अहसास से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए। रोजमर्रा के काम करने वाले भी दोपहर में सुस्ताते देखे गए।दुकानों से ग्राहक गायब थे।
सूरज ढलने के बाद भी उमस भरी गर्मी ने लोगों का पीछा नहीं छोड़ा। बस स्टेण्ड पर बस आने का इंतजार कर रहे यात्री गर्मी से परेशान दिखे। लोग लू के थपेड़ों से बचने के लिए अपने शरीर,चेहरे को पूरी तरह ढकने के बाद ही बाहर निकल रहे थे।
महिलाएं,बच्चे धूप से बचने के लिए छाता,चश्मा,टोपी आदि का सहारा भी लेते रहे। बाजार में गन्ने का जूस,नींबू पानी,आदि की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रही। गर्मी के आगे पंखे की हवा पर्याप्त नहीं थी। जिससे लोगों ने कूलर और एसी का सहारा लिया।
पानी की सप्लाई होते ही बिजली गुल पीपलू. कस्बे के वार्ड नं. 8 के उपभोक्ताओं ने पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। वार्ड नं. 8 के उपभोक्ता कृष्णकुमार जांगिड़, बद्रीलाल मोरी, हनुमान मोरी, रतिराम मोरी ने बताया कि एक दिन के अंतराल में सुबह 9 बजे पीएचईडी विभाग द्वारा पानी की सप्लाई की जाती हैं।
जैसे ही पानी की सप्लाई विभाग द्वारा की जाती हैं उसी दौरान बिजली की अघोषित कटौती की जा रही हैं। बिजली आते ही जलदाय विभाग के कर्मचारियों द्वारा पानी सप्लाई बंद कर दी जाती है जबकि सप्लाई 1 घण्टे की है पर 15 मिनट ही सप्लाई दी जा रही है। जिससे की उच्च श्रेणी के उपभोक्ता जिनके घरों में इनर्वटर की सुविधा हैं वह तो पर्याप्त मात्रा में पानी भर लेते हैं।
वहीं मध्यम एवं निम्न श्रेणी के उपभोक्ता जिनके पास इनर्वटर की सुविधा नहीं हैं वह जैसे तैसे एक दूसरे के घरों से पीने के पानी का जुगाड़ कर रहे हैं या फिर मिनरल वाटर के कैंपर खरीद रहे हैं। साथ ही अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पानी के टैंकर मंगवा रहे हैं। उपभोक्ता कृष्णकुमार जांगिड़, बद्रीलाल मोरी, हनुमान मोरी, रतिराम मोरी ने उपखंड अधिकारी से मांग की हैं कि पेयजल सप्लाई के दौरान हो रही अघोषित बिजली कटौती को तुरंत प्रभाव से बंद किया जाएं।