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पांच साल पहले किए पौधारोपण का निरीक्षण करने पहुंचे वन मंत्री सुखराम विश्नोई

locationटोंकPublished: Jun 24, 2021 03:21:06 pm

Submitted by:

pawan sharma

जयपुर से कोटा जा रहे जा रहे राज्य के वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने दूनी तहसील के सरदारपुरा गांव में पौधारोपण देवनारायण अभियान के तहत पांच साल पहले विभाग की ओर से लगाए विभिन्न किस्म के हजारों पौधों का निरीक्षण कर दिशा-निर्देश दिए।

पांच साल पहले किए पौधारोपण का निरीक्षण करने पहुंचे वन मंत्री सुखराम विश्नोई

पांच साल पहले किए पौधारोपण का निरीक्षण करने पहुंचे वन मंत्री सुखराम विश्नोई

दूनी. जयपुर से कोटा जा रहे जा रहे राज्य के वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने दूनी तहसील के सरदारपुरा गांव में पौधारोपण देवनारायण अभियान के तहत पांच साल पहले विभाग की ओर से लगाए विभिन्न किस्म के हजारों पौधों का निरीक्षण कर मौजूद वन विभाग के अधिकारियों से इनकी सुरक्षा एवं संवर्धन की जानकारी लेकर क्षेत्र की वन भूमि पर हुए पौधारोपण की विस्तृत जानकारी लेकर दिशा-निर्देश दिए।
क्षेत्र की सैकड़ों बीघा वनभूमि पर लगे देशी बबूल, नीम, कुमटा, चुरेल, अरड़, रोंझ सहित विभिन्न किस्मों के पौधों का निरीक्षण कर वन मंत्री विश्नोई ने जिला वन अधिकारी एसके. रेड्डी, देवली उपखण्ड अधिकारी भारतभूषण गोयल, क्षेत्रीय वन अधिकारी हरेन्द्रसिंह नाथावत को वन भूमि का सर्वे करा वनभूमि पर क्षेत्र के मौसम के हिसाब से चलने वाले स्थानीय प्रजाति के पौधें लगाने के निर्देश दिए।

वन चौकी प्रभारी राकेश चौधरी ने बताया की वन मंत्री ने वन भूमि में दूर तक पैदल-पैदल चलकर पौधों का निरीक्षण कर इनकी सुरक्षा एवं संवर्धन केे निर्देश दिए। गौरतलब है की वन विभाग की ओर से सत्र 2017 में सरदारपुरा के पास पौधरोपण देवनारायण अभियान के तहत वन भूमि में करीब 200 बीघा वनभूमि पर देशी बबूल, नीम, कुमटा, चुरेल, अरड़, रोंझ सहित विभिन्न किस्मों के करीब 35 हजार पौधें लगाए थे, हालांकि पौधारोपण के बाद 85 प्रतिशत पौधें जीवित रह पाए। इस दौरान सहा. वनपाल शंकरलाल मीणा अन्य थे।
अचानक पहुंचे निरीक्षण करने

जयपुर से रवाना होकर कोटा में आयोजित संभाग स्तरीय बैठक में भाग लेने जा रहे वन मंत्री विश्नोई बिना कार्यक्रम सरदारपुरा में पौधों का निरीक्षण करने जा पहुंचे, अचानक वन मंत्री के निरीक्षण की सूचना के बाद स्थानीय विभागों में हडक़म्प मच गया।
हालांकि कोटा के प्रस्तावित दौरे की उच्चाधिकारियों को जानकारी होने से उन्हें राहत मिली। वन मंत्री इस दौरान आधे घंटे तक अपने निजी सहायक आलोक सैनी सहित वन अधिकारियों के साथ पैदल-पैदल वन भूमि में लगे पौधों का निरीक्षण करते रहे।
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