जकिया को घाट गेट स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। जकिया टोंक विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रही चुकी है। इसके साथ ही वे कांग्रेस सरकार में एक बार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और दूसरी बार महिला एवं बाल विकास मंत्री रही। जकिया वर्ष 1985 में पहली बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में टोंक विधानसभा क्षेत्र से उतरी और जीती। विधायक चुनने के बाद हरिदेव जोशी मंत्रिमंडल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनी।
जकिया 1985, 1990, 1998, 2003, 2008 और 2013 में टोंक विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की उम्मीदवार रही। वर्ष 1985, 1998 और 2008 में वे विधायक चुनी गई। इसमें वर्ष 1985 और 1998 में मंत्री रही। वर्ष 1993 के चुनाव में उनको टिकट नहीं मिला था। इसके अलावा 2013 के चुनाव में जकिया को करारी हार का सामना करना पड़ा।
यहां तक कि इस चुनाव में उनकी जमानत भी नहीं बच पाई थी। टोंक जिले में अब तक जकिया ही एक ऐसी महिला उम्मीदवार रही हैं जो तीन बार विधायक रही। उनकी एक बेटी टीना है जो उनके पास जयपुर में रहती है। जबकि उनकी नवासी हैदराबाद में चिकित्सक है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि जकिया का जन्म सात जुलाई 1949 को बिलासपुर (छत्तीसगढ) में हुआ था। जकिया की शादी 1969 में टोंक के डॉक्टर इनाम से हुई थी।
उन्होंने चिकित्सा मंत्री रहते हुए अपने क्षेत्र में सर्वाधिक पीएचसी आदि खुलवाई। उनके निधन के बाद देर रात ही टोंक नगर परिषद के पूर्व सभापति मोहम्मद अजमल, अ.व. शहजाद, पार्षद शब्बीर अहमद, आहमद मियां, विकास विजय हरिप्रसाद जोनवाल, अरशद बाबू आदि जयपुर उनके निवास पर पहुंच गए। उनके निधन पर कांग्रेस के निर्वतमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण चौधरी, अकबर खान आदि ने शोक व्यक्त किया।