उल्लेखनीय है कि गत चार दशक पहले सार्वजनिक उद्यान का निर्माण करवाकर परिसर में अनेेक किस्मों की रंग-बिरंगी फुलवारी व पेड़-पौधे लगाए गए थे। एक दशक बाद झूले-चकरी व फव्वारें लगाकर मनोरंजन व पिकनिक की दृष्टि से उद्यान विकसित किया गया। इसके बाद नेहरु की प्रतिमा स्थापित कर सार्वजनिक पार्क को नेहरुपार्क का नाम दिया गया।
हालांकि प्रशासनिक उपेक्षा के बीच पानी के अभाव में फुलवारी नष्ट गई तथा अनदेखी में हरे पेड़ भी उजड़ते गए। पार्क में लगे झूले-चकरी व फव्वारों ने भी अस्तित्व खो दिया था। इसके बाद राजस्थान पत्रिका की पहल पर नगरपालिका ने सुध ली तथा पिछले सात महीनों में इसे आधुनिक पार्क में तब्दील किया गया।
नगरपालिका अधिशासी अधिकारी चेतन कुमार जैन ने बताया कि मॉर्निंग वॉक के लिए तीन सौ मीटर लम्बा ट्रेक (फुटपाथ), हरी घास व विभिन्न किस्मों के पौधे तथा रंगीन फुलवारी लगाकर पार्क का नवीनीकरण किया गया है।
करीब पचास लाख रुपए की लागत से नेहरु प्रतिमा के चारों ओर संगीतमय रंगीन फव्वारें, हरे वृक्षों में आकर्षक लाइटिंग, बच्चे, बुजुर्ग व युवाओं के लिए झूले चकरी, ओपन जिम आदि विकसित किए गए हंै।
करीब पचास लाख रुपए की लागत से नेहरु प्रतिमा के चारों ओर संगीतमय रंगीन फव्वारें, हरे वृक्षों में आकर्षक लाइटिंग, बच्चे, बुजुर्ग व युवाओं के लिए झूले चकरी, ओपन जिम आदि विकसित किए गए हंै।
इसके अलावा जयपुर की तर्ज पर शहीद स्मारक स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पार्क के सौंदर्यकरण का कार्य अंतिम चरण में है। इसे 24 जनवरी से खोला जाएगा इसी दिन करीब 30 लाख की लागत से बनाए गए शहीद स्मारक का भी शिलान्यास किया जाएगा।
पत्रिका की पहल रंग लाई
राजस्थान पत्रिका की ओर से कई पार्कों की स्थिति पर कई खबर प्रकाशित की गई। नगरपालिका का बोर्ड बनने पर 20 मार्च 2016 को राजस्थान पत्रिका की ओर से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गई। इसमें विधायक चौधरी व नगरपालिकाध्यक्ष संत कुमार जैन व लोगों ने सफाई कार्य किया। विधायक व पालिकाध्यक्ष ने पार्क के सौंदर्यकरण व आधुनिक सुविधाओं में पार्क को बदलने का आश्वासन दिया था।