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धोखाधड़ी से भूखण्ड बेचने के आरोपियों को तीन वर्ष का साधारण कारावास

बीसलपुर परियोजना की ओर से आवंटित भूखण्ड को धोखाधड़ी कर बेचने के आरोपियों को न्यायालय ने तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास व आर्थिक जुर्माने से दण्डित किया है।

टोंकAug 18, 2019 / 07:00 pm

Vijay

धोखाधड़ी से भूखण्ड बेचने के आरोपियों को तीन वर्ष का साधारण कारावास

देवली. बीसलपुर परियोजना की ओर से आवंटित भूखण्ड को धोखाधड़ी कर बेचने के आरोपियों को न्यायिक मजिस्टे्रट अमरसिंह खारडिय़ा ने तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास व आर्थिक जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में पीडि़त अशोक कुमार जैन निवासी टोडारायसिंह ने श्योजीराम, जयराम सहित अन्य को नामजद करते हुए परिवाद न्यायालय में पेश किया था।
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इसमें बताया कि पीडि़त अशोक कुमार को उसकी बीसलपुर बांध डूब क्षेत्र में आई भूमि की एवज में अम्बापुरा द्वितीय कॉलोनी में गत 30 मार्च 2000 को एक आवासीय भूखण्ड आवंटित कर पट्टा जारी हुआ।
 

पूर्व में उक्त भूखण्ड श्योजीराम मीणा व जयराम मीणा निवासी ठगरिया कॉलोनी देवपुरा का था, जिन्होंने मिलीभगत कर उक्त भूखण्ड अपने नाम आवंटित करा लिया था, शिकायत पर कार्यालय अतिरिक्त जिला कलक्टर पुनर्वास ने 23 मई 1997 को भूखण्ड का आवंटन निरस्त कर दिया।
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भूखण्ड आवंटन निरस्त होने के बावजूद आरोपियों ने विमला कोठारी को उक्त भूखण्ड विक्रय कर दिया। अभियुक्त श्योजीराम, जयराम व बीसलपुर परियोजना के अन्य कर्मचारी, अधिकारियों के इसी मामले को लेकर पूर्व राजस्थान राज्य अन्वेषण ब्यूरो जयपुर थाना प्रधान आरक्षी केन्द्र जयपुर में अभियोग संख्या 97/1998 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ।
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इसके बावजूद भी अभियुक्ताओं ने भूखण्ड विमला कोठारी को बेच दिया। परिवादी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस के अनुसंधान में श्योजी व जयराम के विरुद्ध धारा 120 बी व 420 आईपीसी के तहत न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया।
 

अभियोजन पक्ष के 9 गवाहों के बयान व साक्ष्य के बाद न्यायालय ने अभियुक्तों को धोखाधड़ी की नियत से पट्टाशुदा भूखण्ड बेचने का दोषी माना तथा अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास व 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
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