टोंक बस स्टेण्ड पर निगम की ओर से महिलाओं को फूल देकर सम्मान के साथ बस में यात्रा के लिए रवाना किया। नि:शुल्क यात्रा के कारण बस आते ही महिलाएं सीट रोकने के लिए दौड़ लगाते नजर आई। आलम यह था कि एक बस में 100 से भी अधिक सवारियां भरी हुई थी। यहां तक भी महिलाएं दरवाते तक लटककर यात्रा करने लिए भी पीछे नहीं रही। महिलाओं की भीड़ के कारण पुरुषों को बसों में जगह नहीं मिलने के कारण निराशा हाथ लगी।
भीड़ अधिक व सीट नहीं मिलने के कारण कई लोगों को अपनी यात्रा तक रद्द करनी पड़ी। नौकरी व मजदूरी के लिए प्रतिदिन आने व जाने वाले कर्मचारियों व श्रमिकों को भी अन्य साधनों के माध्यम यात्रा करना पडी़। अधिकतर महिलाओं ने जयपुर व अजमेर जाने में दिलचस्पी दिखाई। बसों में निशुल्क यात्रा के दौरान भीड़ ने कोरोना गाइड लाइन की पालना करना भूल गई। लगभग सभी ने ना तो मास्क का प्रयोग किया और ना ही सोशल डिस्टेंस की पालना की , जबकि निगम की ओर से कोरोना गाइड लाइन की पालना के लिए लगातार माइक से कई बार कहा गया।
महिला दिवस पर बस में किया नि:शुल्क सफरबसों में भीड़ उमड़ी
उनियारा. महिला दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा रोडवेज की बसों में महिलाओं को नि:शुल्क यात्रा की घोषणा से रोडवेज की बसों में महिलाओं की भीड़ दिखाई दी। बस स्टैण्ड से गुजरने वाली बसों में मुफ्त यात्रा करने के लिए महिलाओं की खासी भीड दिखाई दी। बसों में महिलाओं को अन्दर घुसने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। पहले से ही महिलाओं से भरी आ रही बसों में बैठने की जगह नहीं मिली।
बेटी को कराई पगड़ी रस्म, संभाली परिवार की जिम्मेदारी टोडारायसिंह. शहर में एक बेटी ने पिता की मृत्यु के बाद आयोजित कार्यक्रम में पगड़ी रस्म अदायगी कर परिवार की जिम्मेदारी संभाली है। उल्लेखनीय है कि मूर्ति मोहल्ला स्थित पत्तू का दरवाजा के निकट गत दिनों बीमारी से ग्रसित नृसिंह पाण्डेता का निधन हो गया था। इसके बाद सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज की ओर से पगड़ी रस्म की चर्चा हुई तो उनकी बेटी सुरभी ने परिवार की जिम्मेदारी निभाने का भरोसा दिलाने पर परिजनों ने पुरे रस्मो-रिवाज के साथ बेटी सुरभी को ही पगड़ी की रस्म अदा करवा, परिवार की जिम्मेदारी सौंपी। गौरतलब है कि नृसिंह पाण्डेता की बेटी सुरभी का विवाह देवली पंचायत समिति एमआईएस मैनेजर दूनी निवासी भरतकुमार गौतम के साथ हुआ था। वहीं उनके एक पुत्र नैतिक गौतम भी है।