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बजरी का खेल: फरार है अभी पीपलू थाना प्रभारी, कांस्टेबलों व बजरी माफिया को रात आठ से पांच बजे तक करते थे प्रति मिनट 2-3 कॉल

locationटोंकPublished: May 21, 2019 11:19:46 am

Submitted by:

MOHAN LAL KUMAWAT

पीपलू पुलिस थाने के कांस्टेबल के दौरान। एसीबी टीम कार्रवाई करने के लिए मौके पर तो पहुंच गई, लेकिन उन्हें वहां हमलावर लठैत नजर आए।

Pappu police station incharge

पुलिस थानो में लगा बजरी का ठेर जेसीबी से बजरी हटाते हुए ।

टोंक. राणोली कठमाणा ञ्च पत्रिका. किसी भी विभाग को कार्रवाई के दौरान हमले का डर हो तो पुलिस सुरक्षा पर भरोसा होता है, लेकिन हमले का डर ही उस पुलिस से हो तो चिंता कई गुना बढ़ ही जाती है।
कुछ ऐसी ही चिंता सता रही थी एसीबी की टीम को गत दिनों बजरी के भ्रष्टाचार में पकड़े गए पीपलू पुलिस थाने के कांस्टेबल के दौरान।

एसीबी टीम कार्रवाई करने के लिए मौके पर तो पहुंच गई, लेकिन उन्हें वहां हमलावर लठैत नजर आए। लेकिन उन्होंने कांस्टेबल समेत दो दलालों को बजरी से भरे ट्रकों से राशि वसूलते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि अभी मामले में आरोपी पीपलू थाना प्रभारी विजेन्द्र गिल फरार है। एसीबी ने उनके अजमेर व झुंझुनूं में ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन एसीबी को ना तो थाना प्रभारी मिला और ना ही उसकी सम्पत्ति।
ऐसे में अब एसीबी की टीम सीकर तथा जयपुर में सम्भावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। उन्होंने बताया कि एसएचओ की गिरफ्तारी के बाद थाना प्रभारी के मोबाइल फोन कॉल डिटेल्स निकलेगी, क्योंकि सिस्टम ऐसा डवलप था कि थाना प्रभारी भी व्हाट्सएप कॉल करता था। कांस्टेबल भी व्हाट्सएप कॉल करता था।
इधर, कांस्टेबल से पूछताछ में सामने आया कि बजरी में जो लिप्त हैं वह सभी व्हाट्सएप के जरिए ही कॉल करते हैं।
और भी कांस्टेबल है शामिलएसीबी टोंक के एडिशनल एसपी विजयसिंह ने बताया कि थाना प्रभारी की कॉल डिटेल्स निकलवाई है,
लेकिन हर मिनट में 2-3 कॉल हैं, जिससे मुखबिर के बारे मेंं उसका अभी पता नहीं चला है। थाना प्रभारी की कॉल डिटेल के आधार पर वह रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक हर मिनट में औसतन 2-3 कॉल करते थे।
एडिशनल एसपी ने बताया कि और भी कांस्टेबल है, जिनको थाना प्रभारी ने अवैध बजरी परिवहन करने के में लगा रखे थे। उनको टीम ट्रेस कर वेरीफाई कर रही है। जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे सामने आएंगे।

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