डाक अधीक्षक एचएल बैरवा ने बताया कि डाक विभाग की ओर से वर्ष 2016 में गंगा जल वितरण की विशेष योजना शुरू की थी ताकि आमजन को गंगा जल मिल सके। इस योजना के अंतर्गत 250 एमएल की शीशी में शुद्ध गंगा जल बिक्रि के लिये प्रधान डाकघरों में उपलब्ध कराया गया था। जिसकी कीमत 30 रुपए प्रति शीशी रखी गई थी। बैरवा ने बताया कि हिंदू धर्म में गंगाजल का बड़ा महत्व है। सावन के महीने में भगवान शिव के अभिषेक के लिए गंगाजल बड़ा महत्व माना गया है।
इसके अलावा सभी धार्मिक अनुष्ठानों में भी गंगाजल का उपयोग होता है। इस कारण हर घर में लोग गंगाजल रखना शुभ मानते हैं। सावन के महीने धार्मिक कार्यक्रम अधिक होने से गंगाजल की मांग भी बढ़ जाती है। गंगा जल को लेने के लोगों को गंगोत्री, ऋषिकेश, हरिद्वार, प्रयागराज, बनारस सहित कई शहरों व धार्मिक स्थलों पर जाना पड़ता है। इस पर हजारों रुपए खर्च होते हैं।
गंगाजल की मांग व महत्व अधिक होने से सावन माह में भारतीय डाक विभाग ने गंगाजल की बिक्री करने का निर्णय लिया है। इससे लोगों को कम दामों में गंगाजल मिल सके। बैरवा ने बताया कि लोगों को गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए अजमेर जोन के टोंक में 22 व बून्दी जिले के 20 डाकघरों में भी भारतीय डाक विभाग की ओर से गंगा जल की बिक्री की विशेष व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी डाक घरों में गंगाजल वितरण की व्यवस्था की जाएगी।
बेचान भी हुआ शुरू बैरवा ने बताया कि अगस्त 2019 से अब तक 200 से अधिक गंगा जल की शीशियां टोंक के प्रधान डाक घर से बेची जा चुकी है। उन्होंने बताया कि हाल ही में लॉक डाउन में जो व्यक्ति या परिवार किसी कारणवश हरिद्धार नहीं जा सके अथवा किसी धार्मिक कार्यक्रम में गंगा जल की आवश्यकता होने पर टोंक डाक घर से गंगा जल खरीदने वालों की संख्या 10 थी। उन्होंने बताया कि श्रावण महीने में विशेष रूप से भगवान शिव के जलाभिषेक या विशेष पूजा कार्यक्रम में गंगाजल की आवश्यकता पड़ती है।