कलशयात्रा का ग्रामीणों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। आयोजन समिति के विरेन्द्रसिंह सोलंकी, रामेश्वर कुमावत ने बताया कि सुबह वैदीक मंत्रों से 211 जल-कलशों का विधिवत पूजन किया गया। इसके बाद सरपंच प्रियदर्शिनी सोलंकी ने एक-एक कलश को महिलाओं के सिर पर धारण करवा कलशयात्रा को रवाना किया।
भजनों के बीच नाचते-झूमते श्रद्धालुओं के कारवे के साथ कलशयात्रा धुवांकला मार्ग, मुख्य बाजार, मुख्य चौराहा से होकर पालेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। पुष्प वर्षा के साथ ही श्रद्धालुओं के हर-हर महादेव के जयघोष से कस्बा गुंजायमान हो गया।
ग्रामीण सियाराम प्रजापत ने बताया कि पहले आयोजन समिति पदाधिकारी एवं ग्रामीणों ने पालेश्वर महादेव की पुजा-अर्चना की। उन्होंने बताया कि रविवार महादेव की पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं की ओर से देश-प्रदेश में खुशहाली-समृद्धि की कामना को लेकर हवनकुण्ड़ में आहूतियां दी जाएगी।
महाआरती के बाद श्रद्धालु भण्ड़ारे में प्रसादी ग्रहण करेंगे। इस मौके पर राजाराम कुमावत, ओमप्रकाश गुर्जर, रमेश साहू, विरेन्द्रसिंह चौहान सहित अन्य थे।
कष्ट देने से बड़ा दुख नहीं
टोंक. श्रीरामद्वारा में साध पंचमी के उपलक्ष में आयोजित भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान संत रामनिवास ने कहा कि दूसरों को कष्ट देने से बड़ा दुख नहीं। सुख देने से ज्यादा धर्म नहीं।
ईश्वर के चरणों में दृढ़ता रखने का संदेश प्रहलाद का प्रसंग देता है। उन्होंने भागवत कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि प्रहलाद के जीवन में अनेकों विषम परिस्थितियां आई, लेकिन उन्होने ईश्वर भजन का त्याग नहीं किया।
उसी की दृढ़ता और विश्वास ने उसको आग, सर्प, हाथी से बचाया। रविवार को भागवत श्रीराम तथा कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया जाएगा। कथा का समापन 23 जनवरी को होगा। कथा का विराम आरती एवं प्रसादी वितरण के साथ हुआ। इस अवसर पर रूपनारायण चौधरी, बालकिशन विजय, नवरतन विजय, जगमोहन माहेश्वरी आदि मौजूद थे।