तेज ठंड के दिन हों या फिर भयंकर गर्मी। इससे हृदय रोगियों की ‘धडकऩे’ बढ़ जाती है। हालात यह है कि प्रतिदिन चार-पांच दिल के रोगी सआदत अस्पताल पहुंचते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक बुुजुर्ग और अस्वस्थ खासतौर से हृदय रोगी को सदैव सचते रहने की आवश्यकता होती है। शुक्रवार को विश्व हृदय रोग दिवस है। इसको लेकर रोगियों को अलर्ट करती पत्रिका की यह रिपोर्ट।
हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सुझाव -कम वसा एवं उच्च रेशा युक्त आहार जैसे कि साबुत अनाजों और फलों तथा सब्जियों का सेवन करें।
-पैक्ड या प्रसंस्कृत आहार जैसे कि डिब्बा बंद जमे हुए खाद्य पदार्थों और तैयार आहार का सेवन करने से बचें।
-तंबाकू व धूम्रपान का सेवन करने से बचें।
-शराब का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हृदय रोग के जौखिम को तीस प्रतिशत कम किया जा सकता हैं।
-यदि आपका वजन ज्यादा हैं तो अपने शरीर की वसा को कम करें।
-प्रतिदिन कम से कम तीस मिनट व्यायाम अवश्य करें।
-नमक का सेवन कम करें।
-योगए
ध्यान एवं अन्य मनोरंजक गतिविधियों द्वारा तनाव को कम करें।
-अपने वजन व ब्लड प्रेशर ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखें।
-अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराने अवश्य जाएँ।
देश में हृदय रोगियों की संख्या बढऩे का मुख्य कारण दिनचर्या में व्यायाम का अभाव व तनावपूर्ण कार्यशैली है। तनाव रहित रहकर व प्रतिदिन पांच किलोमीटर घूमकर हृदयरोग से बचा जा सकता है।
डॉ. बी. एल. नामा, फीजिशियन सआदत अस्पताल टोंक।
40 वर्ष से अधिक आयु वाले हृदय रोगियों को एक अन्तराल में ब्लड-प्रेशर, शुगर आदि की आवश्यक जांचें कराते रहना चाहिए। इसके साथ ही अधिक मसालायुक्त भोजन से बचें।
डॉ. जसवन्त चौधरी, फीजिशियन सआदत अस्पताल टोंक।
खाने-पीने का ख्याल रखें। अत्यधिक गर्मी व ठण्ड में शरीर को ढककर रखें। नमक कम खाएं। दर्द को नजर अंदाज न कर चिकित्सकों की सलाह ले।
डॉ. हेमन्त ग्वालानी, वरिष्ठ फीजिशयन सआदत अस्पताल टोंक।