न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश टोंक जिले के पीपलू तहसील निवासी सुनीता मीणा द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के जरिये दायर की गई याचिका पर बुधवार को राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद दिए है ।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 18 जून 2018 को महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 496 5 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी की गई थी, उसमें याचिकाकर्ता ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती में याचिकाकर्ता ने एसटी वर्ग से आवेदन किया था तथा दस्तावेज सत्यापन भी एसटी वर्ग में ही किया गया, लेकिन विभाग द्वारा 14 दिसम्बर 2018 को जारी की गई अंतिम चयन सूची में याचिकाकर्ता से कम अंक वालो को नियुक्ति दे दी गई तथा याचिकाकर्ता को सामान्य वर्ग में दर्शा कर चयन से वंचित कर दिया, जिसे याचिका में चुनौती दी गई अदालत ने गत पेशी पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था ।
शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए लागू हो ड्रेस कोड, शिक्षा निदेशक को भेजा ज्ञापन निवाई. राजकीय विद्यालयों में अध्यापक एवं अध्यापिका के लिए ड्रेस कोड जारी करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भेजा है। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, सांवरमल शर्मा, घनश्याम शर्मा, दिनेश शर्मा, अभिषेक शर्मा, गिर्राज मीणा, राजाराम शर्मा, राजेंद्र शर्मा एवं रूपनारायण सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि राजकीय विद्यालयों के अध्यापक एवं अध्यापिका के चाल चलन एवं पहनावे को देखकर ऐसे लगता है कि यह अध्यापक एवं अध्यापिका नहीं हैं।
ज्ञापन में बताया कि अध्यापक एवं अध्यापिका की ड्रेस गरिमा पूर्ण, आदर्श, शिष्टावान एवं नियमानुसार हो। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी रामविलास शर्मा ने बताया कि अध्यापक एवं अध्यापको की ड्रेस जारी करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा है।
गोरतलब है कि गत दिनों मुख्य जिला शिक्षा ने स्कूलों में जींस-टी शर्ट पहन कर आने पर आपत्ति जताते हुए शालीन व शिष्टाचार पूर्ण पोशाक पहन कर आने की अपेक्षा जताई थी, जिस पर शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने इसे निरस्त करते हुए डीईओ को नोटिस जारी करने के आदेश जारी किए थे।