वहीं दूसरी ओर उपखण्ड क्षेत्र के कई राशन डीलरों द्वारा उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ करते हुए उनके राशन के गेंहू को मोबाइल नम्बरों के जरिए स्वयं ही निकाल रहे है तथा उपभोक्ताओं को गेहूं के लिए खाद्य सुरक्षा योजना में नाम ही नहीं आने की बात कहकर अपना पल्लू झाड रहे है।
सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत उपभोक्ताओं को प्रति उपभोक्ता 5 किलो गेंहू के हिसाब से प्रति राशन में परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार गेंहू का वितरण किया जाता है, जिसके लिए प्रति माह 16 तारीख से 31 तारीख तक पखवाड़ा चलाकर रसद सामग्री का वितरण किया जाता है
जिसमें कभी-कभी रसद सामग्री नहीं पहुंचने पर पखवाड़े की तारीखों में फेरबदल किया जाता है। उपभोक्ताओं द्वारा रसद सामग्री लेने जाने पर उनके अंगूठे का निशान पोस मशीन में लगाने के बाद उनको रसद सामग्री का वितरण किया जाता है।
लेकिन अंगूठे के स्थान पर मोबाइल नम्बरों से भी पोस मशीन में रसद सामग्री मिलने पर राशन डीलरों द्वारा गरीबों के गेंहू पर डाका डालने का कार्य किया जा रहा है जिसके तहत राशन डीलर उपभोक्ताओं द्वारा राशन की दुकान पर गेंहू लेने आने पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में गेहूं के लिए नाम नहीं जुडऩे की बात कहकर केरोसिन देकर रवाना कर दिया जाता है तथा बाद में स्वयं उपभोक्ता के मोबाइल नम्बरों के आधार पर उनका गेहूं उठाकर अपनी जेब को गर्म करने में लगे हुए है।
यह अपनाते है प्रक्रिया
राशन डीलरों द्वारा उपभोक्ता के राशन सामग्री लेने आने पर चालाकी करते हुए पोस मशीन में उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी लेते है तथा उसे केवल केरोसिन तेल देकर रवाना कर देते है तथा गेंहू नहीं आने की बात कहकर उस ओटीपी से गेहूंू स्वयं निकालकर गरीबों के गेंहू निकाल अपनी चांदी करने में लगे हुए है।
इस सम्बन्ध में बागड़ी निवासी दुर्गेश नायक ने बताया कि उसके परिवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में वर्ष 2016 में ही जोड़ दिया गया, लेकिन आज तक राशन डीलर द्वारा गेंहू नहीं दिया गया केवल केरोसिन देकर भेज दिया जाता है।
दूसरा वाकया बागड़ी के ही एक उपभोक्ता द्वारा गत दिनों उपखण्ड अधिकारी को शिकायत करने पर उनके निर्देशों पर राशन डीलर द्वारा एक साथ तीन क्विंटल गेंहू उपभोक्ता को उपलब्ध करवाया गया। रघुनाथपुरा के बोदुराम ने बताया कि उसको योजना से 2016 में जोड़े जाने के बावजूद आज तक राशन डीलर द्वारा केवल केरोसिन ही दिया जाता है आज तक गेंहू नहीं दिया गया।
इन सभी उपभोक्ताओं द्वारा जब शनिवार को ऑन लाइन प्रकिया के तहत अपने राशन की रसद सामग्री की डिटेल निकाली गई तो 2016 से जून माह तक उनके द्वारा गेंहू उठाए जाने की बात सामने आने पर राशन डीलरों द्वारा ठगने की बात सामने आई।
क्या कहते हैं अधिकारी इस सम्बन्ध में प्रवर्तन अधिकारी प्रहलाद मीणा ने बताया कि रसद सामग्री के वितरण की सम्पूर्ण जानकारी मोबाइल संदेश के माध्यम से उपभोक्ताओं को दी जाती है, अगर उपभोक्ताओं को सामग्री दिए बिना ऐसा कार्य चल रहा है तो सम्बन्धित राशन डीलरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।