scriptमंत्री के साथ हुए समझौते के बाद भी आदेश जारी नही होने पर ग्राम सभाओं का किया बहिष्कार | Gram Sabha's boycott | Patrika News

मंत्री के साथ हुए समझौते के बाद भी आदेश जारी नही होने पर ग्राम सभाओं का किया बहिष्कार

locationटोंकPublished: Mar 12, 2018 02:58:24 pm

Submitted by:

pawan sharma

सरंपचों का कहना है कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना। ग्राम सभा का आयोजन प्रधानमंत्री आवास के लिए होना था।
 

 ग्राम सभाओं का बहिष्कार

टोंक. पंचायतों में रविवार को हुई ग्राम सभाओं का सरपंचों ने बहिष्कार कर दिया। सरंपचों का कहना है कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना। इसके चलते बहिष्कार कर दिया गया।

टोंक. पंचायतों में रविवार को हुई ग्राम सभाओं का सरपंचों ने बहिष्कार कर दिया। सरंपचों का कहना है कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना। इसके चलते बहिष्कार कर दिया गया। उनका बहिष्कार सोमवार को होने वाली ग्राम सभा के लिए भी रहेगा।
सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष एडवोकेट हंसराज धाकड़ ने बताया कि ग्राम सभा का आयोजन रविवार व सोमवार को प्रधानमंत्री आवास के लिए किया जा रहा है। जिले के सभी सरपंचों ने ग्रामसभा का बहिष्कार किया है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज मंत्री के साथ हुए समझौते के बावजूद अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसके चलते ग्राम सभाओं का बहिष्कार किया गया है।

पलाई (उनियारा). पलाई के अटल सेवा केन्द्र में सरपंच रामभरोसी मीणा की अध्यक्षता में ग्राम सभा हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना की 2011 सर्वे सूची में नाम शामिल हुए, समय पर पट्टा जारी नहीं करने, नोटिस बोर्ड पर कोई सूचना चस्पा नहीं करने आदि के बारे में वार्ड पंच, किशनलाल रैगर, जायदा बानो, गोपीलाल मीणा, पीरू धाकड़, पीरू खां, शंकर लाल सैन, प्रहलाद गुर्जर, शोराज माली, किशन गोपाल मीणा, छुटटन तेली आदि ने सरपंच, सचिव से जवाब मांगा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ग्राम सभा हंगामें की भेंट चढ़ गई। मामला शांत होने पर ग्राम सभा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नई सूची तैयार की गई।
बहिष्कार करेंगे

पचेवर. सरपंच संघ की ओर से सोमवार को ग्राम सभाओं का बहिष्कार किया जाएगा। ब्लॉक अध्यक्ष सरपंच घनश्याम गुर्जर ने बताया कि सरकार की ओर से 11 सूत्री मांगों का निस्तारण नहीं करने से ग्रामसभा का बहिष्कार करेंगे।
पालना नहीं अवहेलना हो रही है-मीणा

बंथली. राजस्थान में ऐसा नहीं लग रहा है कि सरकार काम कर रही है। केन्द्र सरकार की निर्धारित दर से 12 सौ कम में चने की खरीद की जा रही है। यही वजह है कि किसान आत्महत्या करने पर मजबूर है। उच्च न्यायालय की बजरी खनन पर लगी रोक के बाद भी क्षेत्र में दिन-रात बजरी खनन हो रहा है।

ये बात रविवार को विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा ने दूनी में कही। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के साथ मारपीट, रेप व हत्याएं हो रही है। इस मामले में सरकार ने सदन में बिल भी पास किया, लेकिन पुलिस तंत्र कमजोर होने से किसी को सजा नहीं दिला पाए।
मीणा ने कहा कि भाजपा में शामिल हुए डॉ. किरोड़ीलाल मीणा हमेशा भाजपा को व्यक्तिगत रूप से मदद करते रहे हैं। उनकी राजनीति परिवार के स्वार्थ तक सीमित है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो