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कैसे मिलता खनन, रूट चार्च ही बदल दिया, याचिकाकर्ता ने बनास नदी में जताई नाराजगी

locationटोंकPublished: Oct 25, 2020 02:51:20 pm

Submitted by:

pawan sharma

कैसे मिलता खनन, रूट चार्च ही बदल दिया, याचिकाकर्ता ने बनास नदी में जताई नाराजगी
 

कैसे मिलता खनन, रूट चार्च ही बदल दिया, याचिकाकर्ता ने बनास नदी में जताई नाराजगी

कैसे मिलता खनन, रूट चार्च ही बदल दिया, याचिकाकर्ता ने बनास नदी में जताई नाराजगी

टोंक. बनास नदी में खनन पर लगाई गई रोक के बावजूद चल रहे अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित तीन सदस्यीय केन्द्रीय एम्पावर्ड कमेटी ने शनिवार को टोंक जिले से गुजर रही बनास नदी में 6 स्थानों पर जायजा लिया, लेकिन उन्हें कहीं पर भी ना तो खनन मिला और ना ही कोई बजरी भरा वाहन मिला।

जायजा लेने के दौरान बंथली में याचिकाकर्ता व दस्तक एनजीओ के आनंदसिंह ने बनास नदी के दौरे का रूट चार्ट बदलने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता आनंद सिंह का कहना है कि उन्होंने बनास में बजरी खनन का रूट चार्ट अलग दिया। इसमें चूली, बरवास समेत अन्य स्थान थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने टीम को दूसरा स्थान दिखाया है।
जहां टीम पहुंची वहां खनन है ही नहीं। ऐसे में खनन नहीं मिलेगा, जबकि उन्होंने जो रूट चार्ट दिया था उसमें अवैध खनन था। याचिकाकर्ता ने जब रूट बदलने पर नाराजगी जाहिर की तो वहां मौजूद अधिकारी इधर-उधर देखने लग गए।
इधर कमेटी अध्यक्ष पीवी जयाकृष्णनन, सचिव अमरनाथ सेठी और सदस्य महेन्द्र व्यास के साथ जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश व खनिज विभाग के अभियंता की टीम ने टोंक जिले में राजमहल, सतवाड़ा, संथली व बंथली में जायजा लिया।
उन्होंने मौके पर तो खनन नहीं मिला, लेकिन खनन के अंश साफ नजर आए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आनंद सिंह और नवीनकुमार शर्मा की ओर से लगाई गई याचिका के बाद बजरी खनन पर 16 नवम्बर 2017 को रोक लगाई थी। इसके बाद लीजधारक ने खनन बंद कर दिया, लेकिन जिले से गुजर रही बनास नदी में बेतहाशा अवैध खनन शुरू हो गया।
सरकार ने भी रोक लगाने के आदेश जारी किए, लेकिन अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पाया। ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने दोबारा से याचिका लगाई तो जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया। इसके बाद कोरोना महामारी के चलते जांच कमेटी नहीं आ पाई। ऐसे में अब प्रदेश में केन्द्रीय एम्पावर्ड कमेटी आई है और जायजा ले रही है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगी। इधर, टोंक जिले में जायजा लेने के बाद केन्द्रीय एम्पावर्ड कमेटी अब रविवार को नागौर में खनन का जायजा लेगी।
समस्या सुनाने करते रहे इंतजार, नहीं पहुंची सीईसी
दूनी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने बनास नदी में किए गए खनन के निशान देखे। उन्होंने शेष बची बजरी का अवलोकन कर परस्पर पर चर्चा की। बनास का निरीक्षण के बाद सीईसी इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कार्ट में पेश करेगी। बंथली में बनास नदी के निरीक्षण की सूचना पर समस्याएं सुनाने को एकत्र हुए लोगों को टीम के नहीं आने पर मायूस होकर लौटना पड़ा।
कमेटी बंथली मार्ग स्थित नदी के प्रथम मार्ग से होकर बनास नदी के बीचों-बीच पहुंची। जहां खनिज विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों से जानकारी लेकर चर्चा की। इसके बाद सीईसी सदस्यों ने नदी के चारों ओर नजरें दौड़ाकर जलसीना तन में दिखाई दे रही बजरी की और इशारा किया।
वहां चलने को कहा, इसके बाद खनिज, पुलिस विभाग के अधिकारियों ने सीईसी सदस्यों को मौके पर ले जाकर बजरी का निरीक्षण कराया। इधर, राजमहल, सतवाड़ा, संथली के बाद बंथली कस्बा स्थित बनास नदी का निरीक्षण किए जाने के प्रस्तावित दौरे को लेकर सरपंच श्यामसिंह राजावत के निर्देशन में कस्बे के सैकड़ों ग्रामीण सीईसी को समस्याओं से अवगत करा ज्ञापन देने को लेकर नदी तन के रपटे पर एकत्र हो गए, लेकिन संथली स्थित नदी का निरीक्षण करने के बाद सीधी सरोली मोड़ पहुंच चौकी के पीछे स्थित नदी के प्रथम मार्ग की ओर चली गई।
इससे कस्बेवासियों को मायूस होकर घर लौटना पड़ा। सरपंच ने बताया कि बनास नदी में किए जा रहे मशीनों से गहराई में खनन के चलते पेयजल स्रोतों में पानी पाताल पहुंच चुका है। पानी फ्लारोइड युक्त होने से कस्बे के लोग बीमारियां की चपेट में आ रहे हैं।
अधिकारी झांकने लगे बगले

राजमहल. बनास नदी में सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगी रोक के चलते शनिवार को सेन्ट्रल एम्पार्वड कमेटी अध्यक्ष व सचिव के साथ ही सदस्य ने बीसलपुर बांध के डाऊन स्ट्रीम में बहने वाली बनास में बजरी का निरीक्षण किया। कमेटी अध्यक्ष पीवी जयाकृष्णन ने मौजूद खनिज विभाग के अभियंताओं से बजरी की आवक व खनन के बारे में चर्चा की।
कृष्णन ने बताया कि अगर बनास के अप स्ट्रीम में बांध बना हुआ तो ऐसे में जब डाऊन स्ट्रीम में बजरी खनन को मन्जूरी मिलती है तो वापस बनास में बजरी का पुर्नभरण कैसे होगा। बजरी तो बांध के जलभराव में ही रूक जाएगी। इससे खनन के बाद भूजलस्तर गिरने बादि कई आपदाये उत्पन्न हो जाएगी।
इस पर अधिकारी बिना जवाब दिए एक दूसरे की बगले झांकने लगे। इसी प्रकार सतवाड़ा गांव में बनास नदी निरीक्षण के दौरान लीज धारकों व बजरी खनन मफियाओं की ओर खनिज विभाग के नियमों को ताक मेें रखकर किए गए अंधाधुंध खनन से जमीन में बजरी कम व पत्थर अधिक नजर आए। इसपर कमेटी ने चिंता व्यक्त की। साथ ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से बनास बजरी में पानी के लेवल आदि के बारे में पूछा गया, लेकिन यहां भी अधिकारी एक दूसरे का मुहं ताकने लगे।
काफिला देख चौंके लोग
शनिवार सुबह जैसे ही कमेटी अध्यक्ष व सचिव के साथ आला अधिकारियों की कारों का काफिला राजमहल गांव से होकर बनास नदी की ओर दौड़ा तो लोग दंग रह गए। कारों का काफिला बनास में रूकते ही ग्रामीणों की भीड़ भी बनास में एकत्र हो गई।

पसरा रहा सन्नाटा

केन्द्रीय एम्पावर्ड कमेटी के आने की सूचना पर गत दिनों से ही बजरी खनन व परिवहन पर लगातार कार्रवाई जारी रही। शनिवार को बनास नदी और सडक़ों पर भी वाहन नहीं दौड़े। जबकि गत दिनों में लगातार वाहन पकड़े भी जा रहे थे।
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