सप्ताह पूर्व पुलिस अधीक्षक व डीएफओ रक्तांचल पर्वत में अवैध खनन को देखकर अचंभित हो गए थे और पुलिस अधीक्षक ने खनिज विभाग के अधिकारियों को अवैध खननकर्ताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया था।
पुलिस अधीक्षक ने खनिज व वन विभाग के अधिकारियों को पुलिस जाप्ता देने के लिए पूर्ण आश्वस्त किया था, लेकिन दोनों अधिकारियों के निर्देशों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से अवैध खननकर्ता बेखौफ होकर रक्तांचल पर्वत में मामाजी खान, काबरी, बौरंगी सहित अन्य स्थानों पर अवैध खनन कार्य जोरों पर चल रहा है।
इसी प्रकार वर्तमान में निवाई के साथ साथ साथ नोहटा, बारेडा, बस्सी एवं मण्डालिया वन क्षेत्र में अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। सिरस नाका क्षेत्र में अवैध खननकर्ताओं द्वारा ब्लास्टिंग कर वन क्षेत्र में स्थित पहाडिय़ों में खनन कर पत्थरों का सड़क किनारे स्टॉक किया जा रहा है। खननकर्ता स्टॉक से रोजाना दिन दहाड़े डंपर, ट्रक और ट्रैक्टर भरवाकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे है। जिस पर वनकार्मियों कोई ध्यान नहीं है।
रेंजर ने डीएफओ को लिखा था पत्र
निवाई. सहायक वनपाल रामनारायण मीणा व वनरक्षक कमलेश कुमार मीणा की अवैध खनन में संलिप्तता होने तथा अधिकारी के आदेश की अवेहलना करने पर क्षेत्रीय वन प्रसार अधिकारी ने दोनों कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशानात्मक कार्यवाही करने के लिए उप वन संरक्षक टोंक को जुलाई माह में लिखित पत्र भेंज चुके है। लेकिन अभी तक दोनों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से अवैध खनन जारी है।
नामजद मुकदमा दर्ज करवाया
रक्तांचल पर्वत में अवैध खनन के आरोप में तीन लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है तथा सिरस नाका वन क्षेत्र में अवैध खनन कर स्टॉक करने की उन्हें भी शिकायत मिली, जिनके विरुद्ध जल्द कठोर कार्रवाई की जाएगी।
दिनेश दोतानिया, रेंजर, वन विभाग, टोंक