जबकि उक्त वन क्षेत्र जिले का सबसे बढ़ा वन क्षेत्र होने से इसे सरकार की ओर रिजर्व वन क्षेत्र घोषित कर रखा है, फिर भी वन क्षेत्र से अवैध खनन कर पत्थरों से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली गांव कस्बों की मुख्य सडक़ों पर धड़ल्ले से दौड़ रही है। वन क्षेत्र मेें होते खनन को लेकर विभाग के नुमाइंदे कार्रवाई करने के बजाय मौन है। ऐसे मेें खनन माफिया के हौंसले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे।
गौरतलब है कि वन विभाग की अनदेखी के चलते खनन माफिया ने अब तो बोटून्दा के पास बीसलपुर बांध की बायीं मुख्य नहर के करीब डेढ़ कांकरी नामक पहाड़ी पर अवैध ब्लास्ंिटग भी कर रहे है, जिससे मुख्य नहर के क्षतिग्रस्त होने का खतरा भी मंडराने लगा है। इसी प्रकार बीसलपुर बांध के गेट संख्या तीन से पूर्व पडऩे वाली पहाड़ी के दर्रे में गत दिनों माफिया ने वन क्षेत्र के बीच पेड़ों की कटाई कर रास्ता बना दिया है।
जहां से रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर अवैध पत्थरों के भरकर ले जा रहे है, जिसके बारे में ग्रामीणों की ओर से आए दिन शिकायतें करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इधर, टोडारायसिंह वन क्षेत्र के रामपुरा, झौपडिय़ा, बोटून्दा आदि गांवों के करीब पहाड़ी वन क्षेत्र में अवैध खनन कर रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर ट्रॉली पत्थरों की भरकर करीबी गांव व कस्बों के साथ ही दूर-दराज के शहरों तक बेचे जा रहे है।
बीसलपुर वन क्षेत्र के टोडारायसिंह व देवली रेंज में हो रहे अवैध पत्थर खनन कर पत्थर निकाल रहे है। विभाग के कार्मिक उन्हें रौककर कार्रवाई के नाम से कतरा रहे ह, जिससे माफियाओं के हौंसले बुलंद होते जा रहे है।
बांध की बायीं मुख्य नहर के पास डेढ़ कांकरी नामक पहाड़ी पर हो रहे अवैध पत्थर खनन की सूचना पर जांच करवाई गई, जहां मौके पर कोई माफिया नहीं मिला, लेकिन खनन होना सामने आया है, जिसके लिए टोडारायसिंह वन विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई करवाई जा रही है।
मनीष बंसल, अधिशासी अभियंता बीसलपुर बांध परियोजना देवली
राजमहल नाका के बीसलपुर वन क्षेत्र में अवैध पत्थर खनन के लिए माफिया ने रास्ता बनाया है, जिसे जेसीबी से खाई खुदवा कर रास्ता खुर्द बुर्द करवाने का प्रयास जारी है।
अनुराग मीणा, वनपाल वन नाका राजमहल।
अगर ऐसा है तो जल्द ही बांध की मुख्य नहर के पास से वन क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को बंद करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
रूबी अंसार, उपखण्ड अधिकारी टोडारायसिंह।