मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर रस्सी पर लटका शव नीचे उतार दूनी अस्पताल लेकर आए और चिकित्सक से पोस्टमार्टम करा परिजनों के सुपुर्द कर दिया। दूनी थानाप्रभारी नरेश कंवर ने बताया कि मृतक किसान निवारिया निवासी बालूराम (45) पुत्र जग्गा मीणा है। उन्होंने बताया शुक्रवार रात दस बजे प्रतिदिन की भांति घर से खाना खाकर खेत पर सोने के लिए चला गया।
इस दौरान उसने खेत पर ही बने चारा गोदाम की छत पर लगी लकड़ी में रस्सी बांध फंदा लगा लिया। शनिवार को घर नहीं आने पर परिजन गए तो बालूराम गोदाम की छत से फंदे से लटका हुआ मिला।
खेत में उपज कम, खर्चे से था परेशान
परिजनों ने बताया कि करीब तीन-चार वर्षों से खेतों में बोई गई फसलों से उपज नहीं होने से लागत भी नहीं मिल रही थी। उपर से बढ़ रहे पारिवार के खर्चे ने किसान बालूराम की कमर तोड़ दी।
परिजनों ने बताया कि करीब तीन-चार वर्षों से खेतों में बोई गई फसलों से उपज नहीं होने से लागत भी नहीं मिल रही थी। उपर से बढ़ रहे पारिवार के खर्चे ने किसान बालूराम की कमर तोड़ दी।
इस पर उसने बैंक से केसीसी सहित सूदखोरों से ब्याज से लेकर एक पुत्र व एक पुत्री का विवाह किया, साथ ही केंसर से पीड़ीत छोटे भाई कालूराम के उपचार में लाखों रुपए लगाए, लेकिन वह उसे बचा नहीं पाया।
हालांकि एक पुत्र खेती में उसका हाथ बटाता था तो दुसरा पुत्र ट्रक चलाकर घर का खर्चा चला रहा था। फिर भी परिवार की जरुरतें पुरी नहीं हो पा रही थी।
इस दौरान कर्जा बढ़ता गया और धीरे-धीरे करीब 10-12 लाख के पार हो गया। बैंक व सूदखोरों को रुपए चुकाने की चिंता सताने लगी आखिरकार बालूराम ने सारी चिंताएं सीने में दफन कर मौत को गले लगा लिया।
घर में मचा कोहराम
निवारिया गांव में बालूराम की मौत की खबर घर में पत्नी, पुत्री व पुत्रों को मिलने पर रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था और वह बार-बार बेसुध हो रहे थे, साथ ग्रामीण व परिजन उन्हें बार-बार ढांढस बंधा रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो परिजन की चीखें-विलाप सुन हर किसी की आंखों में आंसू आए।
निवारिया गांव में बालूराम की मौत की खबर घर में पत्नी, पुत्री व पुत्रों को मिलने पर रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था और वह बार-बार बेसुध हो रहे थे, साथ ग्रामीण व परिजन उन्हें बार-बार ढांढस बंधा रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो परिजन की चीखें-विलाप सुन हर किसी की आंखों में आंसू आए।