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लॉकडाउन के सन्नाटे में  सीवरेज के काम ने पकड़ी रफ्तार

locationटोंकPublished: Jun 03, 2021 01:14:28 pm

Submitted by:

pawan sharma

कोरोना संक्रमण को लेकर जहां लॉकडाउन के कारण कई व्यवसाय सहित अन्य गतिविधियां बंद है वही दूसरी ओर लॉकडाउन के सन्नाटे का उपयोग करते हुए शहर में सीरवरेज व वाटर सप्लाई के कार्य में लगी कम्पनी कार्य को तेज गति से आगे से बढ़ा रही है।

लॉकडाउन के सन्नाटे में  सीवरेज के काम ने पकड़ी रफ्तार

लॉकडाउन के सन्नाटे में  सीवरेज के काम ने पकड़ी रफ्तार

टोंक. कोरोना संक्रमण को लेकर जहां लॉकडाउन के कारण कई व्यवसाय सहित अन्य गतिविधियां बंद है वही दूसरी ओर लॉकडाउन के सन्नाटे का उपयोग करते हुए शहर में सीरवरेज व वाटर सप्लाई के कार्य में लगी कम्पनी कार्य को तेज गति से आगे से बढ़ा रही है। जून 2019 से बंद पड़े अधूरे सीवरेज व वाटर सप्लाई के कार्य को आरयूआईडीपी की ओर से 379.65 करोड़ रुपए की लागत से पांच माह पूर्व शुरू किया गया था।
आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता नेमीचंद पवांर ने बताया कि पूर्व में बकाया 309 किमी वाटर सप्लाई के कार्य में से 26 किमी, व सीवरेज का 157 किमी में से 24 किमी का कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष रहा कार्य भी शहर में अलग-अलग क्षेत्र में तेज गति से प्रगती पर है। इसी प्रकार शहर में पेयजलापूर्ति के लिए अन्नपूर्णा गणेश मंदिर, सोंलगपुरा माताजी के पास, बीसलपुर कॉलोनी स्थित उच्च जलाशय के लिए टंकियों का निर्माण भी पूरा हो चुका है।
रामद्वारा स्थित उच्च जलाशय के निर्माण का कार्या भी अंतिम चरणों में है। इसी प्रकार शहर के तीन स्थानों किदवई पार्क, जेल रोड व हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र मेंं ग्राहक सहायता प्रबंध केन्द्र का अधूरा कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। पवांर ने बताया कि टोंक शहर में सीवरेज व वाटर सप्लाई के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए 379.65 करोड़ रुपए का टेंडर हुआ है। 15 दिसम्बर 2022 तक दो साल में कार्य को पूरा करने की अवधि होगी। साथ ही कार्य पूर्ण होने के साथ ही आगामी दस वर्ष 2032 तक रखरखाव भी कार्य करने वाली कम्पनी को ही करना होगा।

दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होगें
शहर में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का होंगे। इसमें मोलाईपुरा में 16 एमएलडी क्षमता वाले प्लांट का कार्य प्रबति पर है। इसी प्रकार सोरन में 4 एमएलडी क्षमता के प्लांट का कार्य भी अंतिम चरणों में है।
ये क्षेत्र होगें लाभांवित
पंवार ने बताया कि परियोजना के अनुसार पुलिस लाइन, केप्टन कॉलोनी, हाऊसिंग बोर्ड, सिंधी कॉलोनी, रैगर बस्ती, अन्नपूर्णा कॉलोनी, संतोष कॉलोनी, गणपति नगर, सरपंच कॉलोनी(जोन-2) आदि इलाके लाभांवित क्षेत्रों में शामिल है।.
नवंबर 2015 में शुरू हुआ काम
आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता नेमीचंद पवांर नेे बताया कि राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के तृतीय चरण में एशियाई विकास बैंक के वित्तीय सहयोग से 388 करोड़ रुपए की लागत से 16 नवंबर 2015 को टोंक शहर में पेयजल व सीवरेज का कार्य शुरू किया गया था, जिसको 14 नवम्बर 2018 तक तीन साल में पूरा किया जाना था, परियोजना के अनुसार कार्य पूर्ण होने के बाद 2028 दस वर्षों तक इसका संचालन व रखरखाव भी कार्य करने वाली कम्पनी को ही करना था, लेकिन ठेकेदार द्वारा धीमी गति से तीन साल में मात्र 37 प्रतिशत ही कार्य किया गया।
कार्य की धीमी गति व अनियमितता की शिकायतों पर आरयूआईडीपी ने कार्य कर रही संबंधित कंपनी के खिलाफ टर्मिनेशन के आदेश जारी कर 38.80 करोड़ रुपए की अमानत राशि जब्त कर ली। साथ ही कार्य की गति धीमी होने पर कम्पनी पर 10 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई थी।

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