किसानों ने मंडी में करीब आधा घंटे तक प्रदर्शन किया। किसान तेजबहादुर सिंह, मोहनलाल, किशन लाल, रामअवतार आदि ने बताया कि मंडी में सरसों का भाव सोमवार को कम लिया गया। जबकि शनिवार को भाव तेज थे। व्यापारियों ने ग्रेडिंग बताकर कम भाव का हवाला दिया। इस पर किसान नाराज हो गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने मंडी गेट पर ताला लगा दिया और नारे लगाने। मौके पर पहुंचे मंडी सचिव रतिराम गुर्जर ने किसानों को भाव के बारे में समझाया और गेट खुलवाए। साथ ही सरसों की गे्रडिंग भी कराई गई।
500 रुपए प्रति क्विंटल कम हो गए निवाई. कृषि उपज मंडी में सरसों के कम भाव लगने पर आक्रोशित किसानों ने मंडी के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया। इससे झिलाय रोड का यातायात प्रभावित हो गया। किसानों ने मंडी परिसर में तुलाई के लिए व्यापारियों के लगे कांटों को तोड़ दिया। इस घटना की खबर मिलते ही उपखंड अधिकारी त्रिलोकचंद मीणा, पुलिस उपाधीक्षक बृजेन्द्रसिंह भाटी, तहसीलदार प्राजंल कंवर, मंडी सचिव क्रांतिचंद्र मीणा, थानाधिकारी अजय कुमार मीणा कृषि मंडी के मुख्य द्वार पर पहुंचे और आक्रोशित किसानों से बात की और उन्हें समझाया।
इसके बाद किसानों ने मंडी के द्वार पर लगाए ताले खोल दिए। बाद में सभी अधिकारियों को किसानों ने बताया कि सोमवार को सरसों की जिंस बेचने कृषि मंडी पहुंचे तो सरसों के बोली पर कम भाव लगे। इससे किसानों का आर्थिक नुकसान हो रहा था। जबकि सरसों के भाव ऊंचे दामों पर बिक रही है। कृषि मंडी में व्यापारी अपनी मनमर्जी के अनुसार सरसों का भाव तय कर रहे हैं, जिससे किसानों का लगातार नुकसान हो रहा है।
इस पर अधिकारियों ने तत्काल व्यापारियों को बुलवाया और उसने बात की। जिस पर व्यापार मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश चंवरिया ने बताया कि अचानक दो दिन में सरसों के भाव कम हो जाने से कृषि मंडी सोमवार को खरीदार नहीं आए। कृषि मंडी में सरसों 5000 से 5250 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकी। दो दिन में सरसों के भाव करीब 500 रुपए प्रति क्विंटल कम हो गए। अन्य मंडियों के मुकाबले निवाई में भाव ज्यादा लगे। शाम तक भी निर्णय नहीं होने से किसानों ने सरसों जिंस को मंडी व्यापारियों की दुकानों पर रखवा दिया।