सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में विधायक अजीत मेहता ने धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए अभियन्ताओं से कार्य में तेजी लाने को कहा। उन्होंने तीनों विभागों से सामंजस्य बनाकर काम करने व काम जलापूर्ति परियोजना की प्रगति जानी। इस दौरान अधिशासी अभियन्ता मीणा ने बताया कि देवली-टोंक-उनियारा परियोजना को अगस्त 2016 तक पूरा किया जाना था।
लेकिन कार्य की गति धीमी होने से इसमें तीन वर्ष की देरी हुई। उन्होंने विधायक समेत जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि दिसम्बर तक शहर के लोगों को प्रतिदिन बीसलपुर बांध का पानी मिलने लगेगा। इसी प्रकार फरवरी 2018 तक बमोर व मार्च 2018 तक छान क्षेत्र से जुड़े गांवों में जलापूर्ति होने लगेगी। इसके लिए लाइनों की टेस्टिंग जारी है। काम की गति बढ़ाई गई है।
विधायक ने जलदाय विभाग के अधिशासी अभियन्ता रामनिवास मीणा, अधीक्षण अभियन्ता राजेश गोयल, सहायक अभियन्ता राधेश्याम गुप्ता समेत ठेकेदार को निर्देशित किया कि वे जिम्मेदारी तय कर कार्य में लापरवाही नहीं बरते। उन्होंने दिसम्बर तक हर हाल में लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
इसके बाद विधायक अजीत मेहता व प्रधान जगदीश गुर्जर ने हाउसिंगबोर्ड, धोलाखेड़ा व पशुपालन विभाग परिसर में बनाए गए उच्च जलाशयों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा को लेकर धोलाखेड़ा जलाशय की चारदीवारी करने के निर्देश दिए। इससे पहले उन्होंने शहरी पुनर्गठित पेयजल योजना के तहत 47 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से हो रहे निर्माण कार्य की जानकारी ली।
इस मौके पर सतीश चंदेल, पूर्व प्रधान खेमराज मीना, भाजपा शहर महामंत्री रामअवतार धाभाई, रोशन, आरयूआईडीपी कनिष्ठ अभियन्ता प्रियंका शर्मा, सेंट सोल्जर स्कूल के प्रबन्ध निदेशक हितेश शर्मा, पारस जैन, प्रभु बाडोलिया, माधवदास बालानी, चौथमल विजय, वक्फ बोर्ड के चेयरमैन नवेद खान, प्यारेलाल यादव आदि मौजूद थे।