उनकी ओर से पेश किए गए दस्तावेज के बाद ब्यूरो ने पालिका की चेयरमैन राजकुमारी शर्मा तथा अधिशासी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इससे पहले एसीबी ने मालपुरा नगर पालिका चेयरमैन व अधिशासी अधिकारी के खिलाफ इसी प्रकार से धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज किया था,जिसकी भी जांच अभी चल रही है।
ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि पालिका चेयरमैन राजकुमारी शर्मा व अधिशासी अधिकारी ने विभिन्न निर्माण कार्यों के टेण्डर अपनी चहेती फर्मों को अधिक दर पर दे दिए। चौंकाने वाली बात ये है कि टेण्डर से पहले ही उक्त फर्म ने निर्माण शुरू कर दिया। इस पर नगर पालिका ने राशि भी जारी कर दी। जबकि शिकायत हुई तो नगर पालिका ने टेण्डर किए।
एएसपी विजय सिंह ने बताया कि नगर पालिका ने शहर के मुख्य मार्गों पर स्वागत द्वार का निर्माण करने के लिए निविदा जारी की थी। इसमें नगर पालिका ने एक चहेती फर्म को अधिक दर पर बिना टेण्डर के निर्माण करने की मौखिक स्वीकृति जारी कर दी। इसमें दोनों स्वागत द्वार 20-20 लाख रुपए की लागत से बनाए जाने थे।
इन द्वार पर छतरियों का निर्माण 4 लाख 25 हजार रुपए में कराया गया। जबकि छतरी निर्माण के लिए एक फर्म ने निविदा में कॉपी महज 2 लाख 11 हजार रुपए लगाई थी, लेकिन नगर पालिका ने कम राशि वाली फर्मको टेण्डर नहीं देकर अधिक दर वाली फर्मको कार्य दे दिया।
इसी प्रकार नगर पालिका की ओर से कुण्डो की सफाई तथा छतरियों की मरम्मत कराने का कार्य स्वीकृत किया था। इसमें कुण्डों की सफाई का कार्य उसी चहेती फर्म को 16 लाख रुपए में जारी किया।
जबकि छतरियों की मरम्मत के लिए 4 लाख रुपए का टेण्डर दिया गया। विजय सिंह के अनुसार परिवाद में बताया गया कि कुण्डो की सफाई की ही नहीं गई। जबकि इससे पहले कुण्डों की सफाई महज 20 हजार रुपए करवाई गई थी, लेकिन पालिका ने सफाईका टेण्डर ही 16 लाख रुपए में दे दिया।
वहीं छतरियों की मरम्मत के स्थान पर महज कलर किया गया। इसी प्रकार शहर में बनी सीसी सडक़ों में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया।
इधर, चेयरमैन राजकुमारी शर्मा का कहना है कि किसी ने द्वेषता के चलते गबन का मामला दर्ज करवाया है तो नगरपालिका जांच में पूर्ण मदद करेगी। चेयरमैन ने मामले में राजनीतिक द्वेषता एवं साजिश का अंदेशा भी जताया।
मिट्टी डाली नहीं, दे दी राशि नगर पालिका ने निवाई स्थित प्रताप स्टेडियम में मिट्टी डालने का टेण्डर 6 लाख रुपए में जारी किया था। जबकि हकिकत ये निकली कि चहेती फर्म ने महज 50 ट्रॉली ही मिट्टी डाली। इसकी कीमत काफी कम है। वहीं नगर पालिका ने स्वागत द्वार की राशि पहले जारी कर दी और टेण्डर कॉपी बाद में जारी की गई।