विभाग ने माना कि यहां कोई पुरा इमारत, भवन तथा रियासत नहीं थी। बल्कि किसी ने नाड़ी में कोई दफीना दबा दिया था, जो अक्टूबर 2016 में हुई खुदाई में निकल आया था। इसके साथ ही प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
साथ ही वहां लगाया जाप्ता हटा दिया गया है। गौरतलब है कि नाड़ी खुदाई के दौरान सोने के सिक्के मिले थे। इस पर मालपुरा क्षेत्र समेत अन्य इलाकों के लोग नाड़ी पर खुदाई करने पहुंच गए।
इसमें कई लोगों को सिक्के भी मिले। सूचना के बाद प्रशासन ने दबडिय़ा नाडी के एक किलोमीटर क्षेत्र में 6 दिसम्बर 2016 को धारा 144 लगाई गई थी। साथ ही आरएसी के जवान तैनात कर दबडिया नाडी की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
उमड़ पड़ी थी भीड़
जानकीपुरा गांव की दबडिय़ा नाडी की पाळ पर तथाकथित सोना ढूंढऩे वाले ग्रामीणों की भीड़ की ओर से सिक्के की खोज में खुदाई करने व प्रशासन व पुलिस के आने पर छिप जाने, लुकाछीपी के खेल को समाप्त करने व भीड़ को हटाने के लिए डिग्गी थाना पुलिस व हल्का पटवारी की ओर से तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारी को भेजी गई।
इस रिपोर्ट के आधार पर उपखण्ड अधिकारी मालपुरा ने दबडिय़ा नाडी की पाळ क्षेत्र में 6 दिसम्बर 2016 को एक किलोमीटर दायरे में धारा 144 लागू कर आरएसी के जवान तैनात किए गए थे। जिला कलक्टर की ओर से पुरातत्व सर्वेक्षण जनपथ नई दिल्ली को पत्र लिखा गया।
इस पर पुरातत्व सर्वेक्षण जनपथ नई दिल्ली के महानिदेशक की ओर से नाडी क्षेत्र में सर्वेक्षण कराया गया। इसमें साने आया कि यहां कोई रियासत तथा पुरा सम्बन्धित अवशेष नहीं है। महज किसी की ओर से दबाए हुए सिक्के हैं।
मुगलकालीन सभ्यता के थे सिक्के
सिक्के की जांच कराई गई तो वे मुगलकालीन सभ्यता के निकलने की बात सामने आई थी। लोगों से जब्त किए गए सभी सोने के सिक्के को पुलिस लाइन टोंक के मालखाने में जमा कराया गया था। पुुलिस ने प्रदेश व अन्य प्रदेशों में कार्रवाई करते हुए मामले में कुल 211 सोने के सिक्के बरामद किए थे।
सर्वे में कुछ नहीं मिला
दबडिय़ा नाड़ी की जांच पुरातत्व विभाग ने कराई है। उनके सर्वे में यहां कुछ नहीं मिला। इस आधार पर वहां से चौकी भी हटा ली गई है।
गोरधनलाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मालपुरा