उपखण्ड के कल्याणपुरा में गत 16 अप्रेल को पहली बार एक ही परिवार के तीन सदस्यों की कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की। इसके बाद विभागीय जांच में 9 अप्रेल को संपर्क में आए 14 संक्रमितों की एक साथ पुष्टि से चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया तथा कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक सभी को होम आइसोलेट कर मरीजों को दवाइयां देना शुरू कर दिया। इसी दरमियान की गई जांच में दो दिन बाद कोरोना महामारी की दूसरी लहर का विस्फोट हुआ।
22 अप्रेल को एक साथ 31 व्यक्तियों के संक्रमित होने की पुष्टि बाद उपखण्ड प्रशासन सकते में आ गया। बावड़ी पंचायत के करीब साढ़े पांच सौ की आबादी वाले कल्याणपुरा गांव में एक सप्ताह भीतर 10 फीसद (49) व्यक्तियों के संक्रमित होने के बाद उपखण्ड प्रशासन ने कल्याणपुरा गांव को कंटेनमेन्ट जोन घोषित करने के साथ बावड़ी, पन्द्राहेड़ा, कांचरिया व रीण्डल्या आदि गांवों के संपर्क मार्गों पर बैरिकेड्स लगाकर सील कर दिया।
साथ ही नाकाबंदी स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनातगी कर आवाजाही बंद कर दी। इधर, चिकित्सा टीम द्वारा घर-घर सर्वे शुरू कर की गई सैंपलिग में फिर 25 अप्रेल को 5 तथा गत 30 अप्रेल को 29 व्यक्ति संक्रमित मिले। इधर, जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने भी स्थिति का जायजा लिया, वहीं उपखण्ड अधिकारी रुबी अंसार की देखरेख में उपखण्ड प्रशासन ने फ्लैग मार्च किया।
चिकित्सा टीम के निर्देशन में आमजन को घरों में रहने, कोरोना एडवायजरी की पालना तथा होम आइसोलेट रहकर उपचार कराने के लिए प्रेरित किया। विकट स्थिति के दौर में आमजन की जागरुकता ने गांव में संक्रमित आंकड़ों पर रोक लगा दी। एक भी व्यक्ति को चिकित्सालय जाने की जरूरत नहीं पड़ी न कोई जनहानि हुई। निरंतर देखरेख के बीच होम आइसोलेट किए गए कुल 79 संक्रमित व्यक्तियों में से अब तक 51 व्यक्ति क्वारंटीन अवधि पूर्ण करने के साथ स्वस्थ है। वहीं, शेष आगामी 14 मई को क्वारंटीन अवधि पूर्ण करेंगे।
विकट स्थिति के दौर में जिले के लिए कल्याणपुरा गांव एक उदाहरण है, जहां 15 फीसद आबादी संक्रमित होने के बावजूद होम आइसोलेट रहकर कोरोना जैसी महामारी का मुकाबला किया। आज स्थिति में सुधार है। कोरोना से डरने की नहीं, बल्कि जागरूक होने की आवश्यकता है। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण करने के लिए राज्य सरकार ने 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन की घोषणा की है, जिसकी अनुपालना में सभी घरो में रहें, भीड़ भाड़ व अन्य समारोह में शरीक होने से बचें।
रूबी अंसार, उपखण्ड अधिकारी टोडारायसिंह।