उन्होंने जिला प्रशासन एवं उपखंड प्रशासन से चिकित्सालय के हालातों से अवगत कराते हुए इस ओर ध्यान देने का आग्रह किया तथा चेताया कि इस और ध्यान नहीं दिया गया तो स्थानीय नागरिक आंदोलन करेंगे। बारिश में समूचे चिकित्सालय परिसर की छतें टपक रही है।
जिससे यह भवन इन दिनों अनुपयोगी बना है। भवन के चारों ओर पानी भरा है। चिकित्सा कर्मी भवन के एक कमरे में बैठकर चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू बनाए हुए हैं लेकिन छतों से पानी टपकने के चलते मरीजों को सिर्फ दवा देकर ही उपचार किया जा रहा है।
वर्तमान हालातों में मरीज को भर्ती करने तथा संस्थागत प्रसव कराने की स्थिति के लायक भवन नहीं है बल्कि हादसे को और न्योत रहा है। ग्रामीणों ने इस समस्या से क्षेत्रीय विधायक प्रशांत बैरवा तथा सांसद सुखबीर जौनपुरिया एवं मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी टोंक को अवगत कराया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसके चलते यह समस्या दिनों दिन विकराल होती जा रही है।
36 वर्ष पुराना हैं भवन
चिकित्सा की दृष्टि से कठमाणा में वर्ष 198 6 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन सृजित हुआ और चिकित्सा मद से 22 लाख रुपए से भवन का निर्माण कराया गया, लेकिन घटिया निर्माण के चलते यह भवन बनने के बाद ही अनुपयोगी हो गया था।
कठमाणा निवासी रामजीलाल यादव ने बताया 36 वर्ष पहले यहां उपस्वास्थ्य केंद्र को क्रमोन्नत करके प्राथमिक चिकित्सालय सृजित किया गया था, साथ ही सरकार ने 22 लाख रुपए की लागत से चिकित्सालय का भवन रोगियों को भर्ती करने, व्यवस्थित उपचार करने, दवाओं के रखरखाव को लेकर बनाया गया था। वर्तमान में भवन पूरी तरह से जर्जरावस्था में हैं तथा यहां छते टपकती हैं जिससे मरीजों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा हैं।